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ओमिक्राॅन की चिंता के बीच रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा बैठक शुरू, नीतिगत दरों को लेकर ये है उम्मीद 

कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमिक्राॅन की चिंता के बीच भारतीय रिजर्व बैंक की तीन दिन की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक सोमवार को शुरू हुई। माना जा रहा है कि वायरस के नए स्वरूप की वजह से पैदा हुई...

ओमिक्राॅन की चिंता के बीच रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा बैठक शुरू, नीतिगत दरों को लेकर ये है उम्मीद 
न्यू़ज एजेंसी,नई दिल्ली Mon, 06 Dec 2021 05:35 PM

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कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमिक्राॅन की चिंता के बीच भारतीय रिजर्व बैंक की तीन दिन की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक सोमवार को शुरू हुई। माना जा रहा है कि वायरस के नए स्वरूप की वजह से पैदा हुई अनिश्चितता के चलते केंद्रीय बैंक नीतिगत दर के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखेगा।रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुआई वाली एमपीसी की बैठक के नतीजों की घोषणा आठ दिसंबर को की जाएगी। 
           
अगर रिजर्व बैंक बुधवार को नीतिगत ब्याज दरें अपरिवर्तित रखता है, तो यह लगातार नौंवां मौका होगा जब दरों में कोई बदलाव नहीं होगा। रिजर्व बैंक ने आखिरी बार दरों में 22 मई, 2020 को बदलाव किया था। हाउसिंग.कॉम, मकान.कॉम और प्रॉपटाइगर.कॉम के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अब सामान्य होने की ओर अग्रसर है। हालांकि, सरकार और एजेंसियों द्वारा समर्थन उपायों को धीरे-धीरे वापस लेने का कदम अभी दूर है। 

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एंड्रोमेडा और अपनापैसा के सीईओ वी स्वामीनाथन ने कहा कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप की वजह से मौद्रिक नीति समिति फिलहाल ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखेगी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक अभी कोविड-19 के नए स्वरूप के जोखिमों को समझने का प्रयास करेगा और फिलहाल इंतजार करेगा। 
     
एक्यूट रेटिंग्स एंड रिसर्च की मुख्य विश्लेषण अधिकारी सुमन चौधरी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति में कमी से सरकार के अतिरिक्त कर्ज को लेकर चिंता कुछ कम हुई है। उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में मौद्रिक नीति के सामान्यीकरण का कार्य जारी रहेगा, लेकिन विभिन्न केंद्रीय बैंक इसके लिए अपने हिसाब से रफ्तार तय करेंगे। 
     
ट्रस्ट म्यूचुअल फंड के सीईओ संदीप बागला ने कहा कि केंद्रीय बैंक को मौजूदा मौद्रिक समीक्षा बैठक में यथास्थिति को कायम रखने या असाधारण रूप से नरम मौद्रिक रुख को वापस लेने का संकेत देने के बीच से चुनाव करना होगा। बागला ने हालांकि कहा कि रिवर्स रेपो दर में बढ़ोतरी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। केंद्रीय बैंक ने गत अक्टूबर में भी नीतिगत दरों को यथावत रखा था।

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