Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़RBI monetary policy meeting today 2nd April in Mumbai

तीन दिन की मौद्रिक समीक्षा नीति बैठक शुरू, RBI और सस्ता कर सकता है कर्ज

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की नए वित्त वर्ष 2019-20 में मौद्रिक समीक्षा नीति बैठक आज 2 अप्रैल से शुरू हो गई है। इस बैठक के आखिरी दिन 4 अप्रैल को आरबीआई ब्याज दरों को लेकर अहम घोषणा कर सकता है। इससे...

लाइव हिंदुस्तान टीम नई दिल्लीTue, 2 April 2019 04:13 PM
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की नए वित्त वर्ष 2019-20 में मौद्रिक समीक्षा नीति बैठक आज 2 अप्रैल से शुरू हो गई है। इस बैठक के आखिरी दिन 4 अप्रैल को आरबीआई ब्याज दरों को लेकर अहम घोषणा कर सकता है। इससे पहले मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक के बाद आरबीआई ने सात फरवरी 2019 को मुख्य नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया गया।

आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा नीति बैठक तीन दिन 2 अप्रैल से 4 अप्रैल तक चलेगी। ऐसा माना जा रहा है कि वैश्विक नरमी से घरेलू आर्थिक वृद्धि संभावनाओं पर असर पड़ने की आशंकाओं के बीच आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये रिजर्व बैंक बृहस्पतिवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की एक और कटौती कर सकता है। विशेषज्ञों ने यह अनुमान व्यक्त किया है। रिजर्व बैंक ने 18 महीने के अंतराल के बाद फरवरी में ही रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की थी। ब्याज दर में एक के बाद एक कटौती से मौजूदा चुनावी मौसम में कर्ज लेने वालों को राहत मिल सकती है।

गवर्नर दास पहले ही उद्योग संगठनों, जमाकर्ताओं के संगठन, एमएसएमई के प्रतिनिधियों तथा बैंक अधिकारियों समेत विभिन्न पक्षों के साथ बैठक कर चुके हैं। मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक के चार प्रतिशत के दायरे में बनी हुई है इससे उद्योग जगत एक और बार आधार दर कम करने की वकालत कर रहा है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्रमुख (पीसीजी एवं पूंजी बाजार रणनीति) वी.के.शर्मा ने कहा कि बाजार रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती तथा परिदृश्य बदलकर सामान्य करने के अनुकूल है। तरलता में अनुमानित सुधार तथा ब्याज दर में कटौती बाजार के लिये अच्छी होगी।

कोटक महिंद्रा बैंक के अध्यक्ष (उपभोक्ता बैंकिंग) पीएफबी शांति एकमबरम ने कहा कि आने वाले समय में नीतिगत कदम को घरेलू एवं वैश्विक कारक प्रभावित करेंगे। उपभोग कुछ नरम पड़ा है और निवेश का चक्र भी धीमा हुआ है। उन्होंने कहा, ''इस साल बाद में नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की एक और कटौती संभव है लेकिन यह मुद्रास्फीति और आर्थिक वृद्धि के आंकड़े पर निर्भर करेगा।" सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने भी कहा कि मुद्रास्फीति नियंत्रण में बनी हुई है जो ब्याज दर में और कटौती का समर्थन करती है।

 

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