Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़RBI Monetary Policy cut repo rate by 35 basis points

RBI ने लगातार चौथी बार की रेपो रेट में कटौती, कम होगा EMI का बोझ

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया  (RBI) की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में रेपो रेट (Repo Rate) में 35 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। अब रेपो रेट 5.40 फीसदी पर आ गई है। वहीं रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo...

एजेंसी नई दिल्लीWed, 7 Aug 2019 02:14 PM
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया  (RBI) की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में रेपो रेट (Repo Rate) में 35 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। अब रेपो रेट 5.40 फीसदी पर आ गई है। वहीं रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) 5.15 फीसदी कर दिया है। इसके अलावा आरबीआई ने जीडीपी अनुमानों में भी बदलाव किया है। पहले जीडीपी का 7 फीसदी रहने के अनुमान रखा गया था जिसे घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया है। अर्थव्यवस्था में सुस्ती के संकेतों के बीच रिजर्व बैंक आज बुधवार को चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में लगातार चौथी बार ब्याज दरों में कटौती की है। इसका सीधा असर होम लोन, कार लोन पर पड़ेगा और ग्राहकों की ईएमआई कम होगी।

ब्याज दरों में कटौती का था दबाव
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) प्रणाली की बैठक सोमवार 5 अगस्त को शुरू हुई थी। ऐसा माना जा रहा था कि नकदी की स्थिति में सुधार और ब्याज दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए भी कदम उठा सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार बैंकों पर भी ग्राहकों को बड़ी राहत देने का दबाव होगा। एमपीसी की बैठक 5 से 7 अगस्त तक तीन दिन चलनी थी। 

इतनी थी रेपो रेट
रिजर्व बैंक की रेपो दर 5.75 प्रतिशत पर थी जिसे घटाकर 5.40 फीसद कर दिया है। दिसंबर 2018 में शक्तिकांत दास के रिजर्व बैंक गवर्नर का पदभार संभालने के बाद फरवरी की मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत कटौती की गई। उसके बाद चार अप्रैल 2019 को और फिर छह जून को हुई मौद्रिक नीति समीक्षा में 0.25 प्रतिशत कटौती की गई। अब आरबीआई लगातार चार बार रेपो रेट में कटौती कर चुकी है।

एक्सपर्ट को मुताबिक ब्याज दरें कम करने की थी जरूरत
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजकिरण राय ने कहा कि एमपीसी इस बार भी ब्याज दर में चौथाई प्रतिशत की कटौती करनी चाहिए। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने कहा कि रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कटौती का चक्र फरवरी, 2019 से शुरू किया था। हालांकि, अंतिम उपभोक्ता तक कटौती का लाभ काफी धीमी गति से स्थानांतरित हो रहा है। 

अहम बातें
- रेपो दर घटकर 5.40% हो गया है ।
-  पहले 5.75% पर थी रिजर्व बैंक की रेपो रेट दर। 
- 0.75% की कटौती पिछले तीन समीक्षा बैठक में हुई। अभ चौथी बार 35 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई है।
- पहले रिवर्स रेपो रेट 5.50 फीसदी थी जिसे अब 5.15 फीसदी कर दिया है।  

 

इन चार वजहों से थी ब्याज दरों में कटौती की आस
1. कई कोशिशों के बाद भी उद्योगों की वृद्धि में  रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है। जून में आठ कोर सेक्टर की वृद्धि घटकर 0.2% पर रही।
2. वाहन उद्योग क्षेत्र में मंदी का रुख बरकरार है। प्रमुख वाहन कंपनियों की बिक्री में जुलाई में दहाई अंक की गिरावट दर्ज की गई। 
3. सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वैश्विक रैंकिंग में भारतीय अर्थव्यवस्था फिसलकर सातवें स्थान पर आ गई है।
4. रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए रियल एस्टेट और वाहन उद्योग को गति देना जरूरी है। सस्ते कर्ज से ये सेक्टर पटरी पर लौट आएंगे।

 

 

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