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NBFC कंपनियों को विशेष कर्ज सुविधा देने के पक्ष में नहीं RBI

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गैर-वित्तीय बैंकिंग कंपनियों (एनबीएफसी) को विशेष ऋण सुविधा देने के पक्ष में नहीं है। रिजर्व बैंक का मानना है कि नकदी का संकट प्रणालीगत नहीं है अर्थात् यह समस्या पूरे...

NBFC कंपनियों को विशेष कर्ज सुविधा देने के पक्ष में नहीं RBI
एजेंसी,नई दिल्लीWed, 22 May 2019 05:51 PM
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गैर-वित्तीय बैंकिंग कंपनियों (एनबीएफसी) को विशेष ऋण सुविधा देने के पक्ष में नहीं है। रिजर्व बैंक का मानना है कि नकदी का संकट प्रणालीगत नहीं है अर्थात् यह समस्या पूरे एनबीएफसी क्षेत्र में नहीं है।

आईएलएंडएफएस और उसके समूह की कंपनियों के कर्ज अदायगी में चूक के बाद एनबीएफसी के सामने नकदी का संकट खड़ा हो गया। इसे देखते हुए सरकारी थिंक - टैंक नीति आयोग और उद्योग से जुड़ी कंपनियों ने एनबीएफसी को विशेष कर्ज सुविधा देने की वकालत की थी।

नकदी संकट के दबाव में डीएचएफएल और इंडियाबुल्स फाइनेंस समेत कई एनबीएफसी कंपनियों को वाणिज्यिक पत्र पर अपनी निर्भरता को कम करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। आईएलएंडएफएस का संकट खड़ा होने के बाद बैंक एनबीएफसी क्षेत्र को कर्ज देने से बच रहे हैं। जिसकी वजह से उनके सामने दिक्कत खड़ी हो गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, रिजर्व बैंक का मानना है कि उसके मूल्यांकन के आधार पर विशेष सुविधा की जरूरत नहीं है।

केंद्रीय बैंक का मानना है कि नकदी का संकट क्षेत्र विशेष नहीं है बल्कि यह सिर्फ कुछ बड़ी एनबीएफसी कंपनियों तक सीमित हैं। अनुमानों के मुताबिक , करीब एक लाख करोड़ रुपये के वाणिज्यिक पत्र (सीपी) अगले तीन महीने में भुनाने के लिए आएंगे। सीपी ऋण साधन है, जो कि कंपनियों द्वारा पूंजी जुटाने के लिए जारी किया जाता है। इसकी अवधि एक साल तक होती है। एनबीएफसी नकदी संकट से जूझ रही है ऐसे में आशंका है कि कंपनियां वाणिज्यिक पत्र पर चूक करेंगी।

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