विदेशी बाजारों में तेजी से लगभग सभी तेल-तिलहन कीमतों में सुधार
विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में शुक्रवार को लगभग सभी तेल-तिलहन के भाव सुधार के साथ बंद हुए। बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में 2.5 प्रतिशत की तेजी थी, जबकि...
विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में शुक्रवार को लगभग सभी तेल-तिलहन के भाव सुधार के साथ बंद हुए। बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में 2.5 प्रतिशत की तेजी थी, जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में कल रात की लगभग 2.5 प्रतिशत की तेजी के बाद फिलहाल आधा प्रतिशत की तेजी है।
विदेशी बाजारों में मजबूत रुख के कारण सरसों, मूंगफली और सोयाबीन तेल तिलहन, सीपीओ, पामोलीन, बिनौला तेल के भाव में लाभ दर्ज हुआ। सूत्रों ने कहा कि अब सोयाबीन डीगम का कारोबार भी बेपड़ता हो गया है क्योंकि इसे आयात करने में नुकसान है। आयात करने का भाव 118 रुपये किलो बैठता है जबकि बाजार में बिक्री भाव है 117 रुपये किलो।
उसने कहा कि देश को तेल तिलहन के मामले में आत्मनिर्भरता की राह पर आगे ले जाने के लिए जरूरी है कि सरकार तिलहन उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान दे और सरसों सहित विभन्न तेल-तिलहन के वायदा कारोबार पर रोक जारी रखी जाये। सूत्रों ने कहा कि अगर किसानों को बेहतर दाम मिलते रहे, तो उनमें खुद ही उत्पादन बढ़ाने की पूरी क्षमता मौजूद है। सरकार को खाद्यतेलों के अधिकतम खुदरा मूल्य पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिये और किसानों को प्रोत्साहन जारी रखना चाहिये। पिछले साल सरकार ने जिस तरह किसानों को तिलहन फसल के वाजिब दाम दिलाये उसका नतीजा इस बार सरसों के बुवाई के रकबे में भारी वृद्धि और इसके उत्पादन बढ़ने के अनुमान से लगाया जा सकता है।
सूत्रों ने कहा कि 1990 के दशक के मध्य में जब वायदा कारोबार नहीं था तो देश तिलहन के मामले में काफी आत्मनिर्भर था, लेकिन वायदा कारोबार के आते ही इसे तेल कारोबार के बड़े व्यापारी इसे नियंत्रण में लेकर अपने हित साधने लगे। आयातकों को घाटे होने लगे और उनके बैंकों के कर्ज डूबने लगे जिससे कइयों को अपना कारोबार ठप्प करना पड़ गया और अंतत: देश को ही नुकसान हुआ। सरसों की किल्लत और मांग बढ़ने के बीच आगरा, कोटा वालों ने सरसों की कीमत में 50 रुपये प्रति क्विन्टल की वृद्धि की है जिससे सरसों तेल तिलहन के भाव में सुधार आया।
बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)
सरसों तिलहन - 8,620 - 8,650 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।
मूंगफली - 5,815 - 5,905 रुपये।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 13,000 रुपये।
मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,910 - 2,035 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 17,500 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,600 -2,725 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,780 - 2,895 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी - 16,700 - 18,200 रुपये।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,220 रुपये।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,900 रुपये।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 11,700
सीपीओ एक्स-कांडला- 11,530 रुपये।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,100 रुपये।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 12,750 रुपये।
पामोलिन एक्स- कांडला- 11,700 (बिना जीएसटी के)।
सोयाबीन दाना 6,510 - 6,535, सोयाबीन लूज 6,350 - 6,400 रुपये।
मक्का खल (सरिस्का) 4,000 रुपये।
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