पिछले साल 22 जनवरी से अब तक खुली चायपत्ती की कीमतों में करीब 25 फीसद का उछाल आ चुका है और इसके अभी और ऊपर जाने के आसार हैं। क्योंकि चाय उद्योग को अगले वित्तीय वर्ष में मजदूरी में बढ़ोतरी और कीमतों पर इसके प्रभाव से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं उत्पादन सामान्य स्तर का हो चला है। बता दें उपभोक्ता मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक 22 जनवरी 2020 को खुली चाय की कीमत 217 रुपये थी, जो बढ़कर अब 270 रुपये के करीब पहुंच गई है। ऐसे में आने वाले दिनों में चाय की चुस्की और महंगी हो सकती है।
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रेटिंग एजेंसी इक्रा ने रिपोर्ट में वर्ष 2020-21 के दौरान प्रदर्शन में काफी सुधार के बाद चाय उद्योग के लिए वर्ष 2021-22 तक चुनौतियों के बने रहने का अनुमान जताया है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि नए सत्र में उत्पादन सामान्य होने पर थोक चाय की कीमतों पर असर एक महत्वपूर्ण पहलू होगा जो अगले वित्तीय वर्ष में लाभप्रदता को प्रभावित करेगा।
घरेलू उत्पादन में 10 फीसदी की गिरावट, मजदूरी में वृद्धि
पश्चिम बंगाल ने हाल ही में अंतरिम आधार पर, मजदूरी दरों में 15 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की है, जिससे थोक चाय कंपनियों के लिए उत्पादन की लागत में वृद्धि होगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में घरेलू चाय की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, अप्रैल-दिसंबर 2020 के दौरान उत्तर भारत (एनआई) की नीलामी औसतन 46 प्रतिशत दक्षिण भारत (एसआई) की चाय की नीलामी औसत 41 प्रतिशत ऊंची बोली गयी है। घरेलू उत्पादन में 10 फीसदी की गिरावट से चाय की कीमतों में भारी तेजी देखी गई, जबकि खपत में मजबूती बनी रही।