राहत : पेट्रोल-डीजल गाड़ियों और इलेक्ट्रिक वाहनों के दामों में अंतर घटेगा
इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगने वाले जीएसटी पर कटौती के फैसले से पेट्रोल-डीजल गाड़ियों और इलेक्ट्रिक वाहनों के दामों में अंतर कम होगा। ह्युंडई मोटर, टाटा और मारुति जैसी दिग्गज कंपनियां भी इलेक्ट्रिक...
इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगने वाले जीएसटी पर कटौती के फैसले से पेट्रोल-डीजल गाड़ियों और इलेक्ट्रिक वाहनों के दामों में अंतर कम होगा। ह्युंडई मोटर, टाटा और मारुति जैसी दिग्गज कंपनियां भी इलेक्ट्रिक गाड़ियों के बाजार में दस्तक देने की तैयारी में है। ऐसे में जानकारों का मानना है कि दाम कम होने से आने वाले दिनों में ऑटो सेक्टर में ठप पड़ा उत्पादन दोबारा शुरू हो जाएगा। जीएसटी काउंसिल ने कारोबारियों के लिए कंपोजीशन स्कीम का विकल्प चुनने की समय
सीमा 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी है।
जीएसटी में कमी का स्वागत किया
इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं के मंच सोसाइटी ऑफ मैन्यूफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक वीकल्स (एसएमईवी) ने ऐसे वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर घटा कर पांच प्रतिशत किए जाने का स्वागत किया है। इसे पर्यावरण अनुकूल आवागमन के साधनों को बढ़ाने की सरकार की नीति के अनुरूप बताया है।
एसएमईवी ने इलेक्ट्रिक वाहनों की अलग से बिकने वाली स्पेयर बैटरी पर भी कर घटाने की मांग की है। एसएमईवी के महानिदेशक र्सोंहदर गिल ने कहा कि जीएसटी कम होने से बैटरी और पेट्रोलियम ईंधन से चलने वाले वाहनों के दामों में अंतर घटेगा।
इलेक्ट्रिक वाहन बाजार के लिए सुनियोजित योजना
नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने कहा कि भारत ने इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग और बैटरी समेत इसके कल-पुर्जों के लिए एक सुनियोजित योजना लागू कर रखी है। कांत ने कहा कि इन वाहनों के अपनाने से शहर स्वच्छ होंगे तथा आयात कम होगा और सौर ऊर्जा का उपयोग बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि देश के बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी के विनिर्माण के लिए भारी अवसर हैं।
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