Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Preparation to curb fraud by fake calls strict punishment for wrong KYC

फर्जी कॉल से धोखाधड़ी पर अंकुश की तैयारी, गलत केवाईसी पर सख्त सजा

ट्राई अध्यक्ष ने कहा कि नियामक ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए चौतरफा कोशिश कर रहा है, जिसमें केवाईसी को सख्त करने के साथ एआई से निगरानी बढ़ाना और सख्त सजा का प्रावधान भी शामिल है।

Drigraj Madheshia नई दिल्ली। एजेंसी, Thu, 6 Oct 2022 05:38 AM
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दूरसंचार नियामक ट्राई एक एकीकृत ग्राहक को जानो प्रणाली (KYC) स्थापित करने का प्रस्ताव करने जा रहा है जो सभी दूरसंचार ऑपरेटरों को उपलब्ध होनी चाहिए। इसका मकसदफर्जी कॉल करने वालों और स्पैमर्स पर अंकुश लगाना है। ट्राई के अध्यक्ष पी.डी. वाघेला ने इस बात की जानकारी दी।

इंडिया मोबाइल कांग्रेस में बोलते हुए, ट्राई के अध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान में वास्तविक अपराधी को ढूंढना मुश्किल है जो धोखाधड़ी वाले कॉल और संदेशों में लिप्त है। उन्होंने कहा कि इसके लिए नियामक इस मुद्दे को हल करने के लिए कई तंत्र तलाश रहा है। उन्होंने कहा कि एक एकीकृत केवाईसी प्रणाली होनी चाहिए। सभी दूरसंचार ऑपरेटरों को इसका उपयोग करने में सक्षम होना चाहिए।

इसे हम एक परामर्श पत्र में शामिल करने जा रहे हैं, जिसे हम अनिवार्य कॉलर आईडी डिस्प्ले पर जारी करने जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ट्राई उन लोगों के आसपास की गोपनीयता की चिंताओं को भी दूर करेगा जो नहीं चाहते कि कॉल करते समय उनका नंबर प्रदर्शित हो। ट्राई अध्यक्ष ने कहा कि नियामक ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए चौतरफा कोशिश कर रहा है, जिसमें केवाईसी को सख्त करने के साथ एआई से निगरानी बढ़ाना और सख्त सजा का प्रावधान भी शामिल है।

नंबर बदलकर कॉल करने पर खैर नहीं

ट्राई के अध्यक्ष ने कहा कि यदि कोई ग्राहक धोखाधड़ी करने वाले (स्पैमर्स) का एक नंबर ब्लॉक कर देता है तो वह नए नंबर से कॉल करने के साथ गुप्त (प्रॉक्सी) सर्वर का उपयोग शुरू कर देते हैं। ऐसे में ट्राई दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ काम कर रहा है ताकि फर्जी कॉल करने वालों और स्पैमर्स का पता लगाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और मशीन लर्निंग का उपयोग किया जा सके।

गलत केवाईसी पर सख्त सजा

नए दूरसंचार विधेयक में धोखाधड़ी और आपराधिक गतिविधियों की जांच के लिए दूरसंचार सेवाओं का लाभ उठाने के लिए झूठी पहचान देने के लिए एक साल तक की कैद का प्रस्ताव किया गया है। इसका मतलब है कि नया मोबाइल नंबर लेने के लिए यदि कोई गलत पहचान पत्र देता है तो उसे जेल जैसी सख्त सजा हो सकती है।

इंटरनेट और ऐप से कॉलिंग की भी निगरानी

दूसरंचार नियामक के अध्यक्ष ने कहा कि नए दूरसंचार विधेयक में इंटरनेट कॉलिंग और मैसेजिंग ऐप के जरिए भेजे जाने वाले कॉल और मैसेज के लिए केवाईसी लागू करने का प्रस्ताव है। मौजूदा समय में इनके लिए कोई केवाईसी नहीं है क्योंकि यह दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं। इसकी वजह से इनपर करीब से निगरानी नहीं हो पाती है।

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