Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Poonawalla family rejected ONE billion deal last year

इस वजह से पूनावाला फैमिली ने पिछले साल ठुकराई थी एक अरब की डील 

भारत में कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति करने वाली दो बड़ी स्वदेशी कंपनियों में से एक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने पिछले साल 1 अरब डाॅलर की डील को अंतिम समय में ठुकरा दिया था। हिंदुस्तान टाइम्स के...

Tarun Singh लाइव हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्लीWed, 5 May 2021 02:49 PM
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भारत में कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति करने वाली दो बड़ी स्वदेशी कंपनियों में से एक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने पिछले साल 1 अरब डाॅलर की डील को अंतिम समय में ठुकरा दिया था। हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार सीरम इंस्टीट्यूट में पिछले साल अक्टूबर में जीपी कैपिटल, अबुधाबी की एडीक्यू और पब्लिक इनवेस्टमेंट फंड के एक कंसोर्टियम की तरफ से इनवेस्टमेंट की पेशकश की गई थी। अंतिम समय में पूनावाला फैमिली ने कंपनी के अपने स्टेक बेचने से मना कर दिया था। पूनावाला फैमिली  कंपनी के वैल्युएशन से खुश नहीं था। जिसके कारण यह डील पूरी नहीं हो सकी। 2015 में भी पूनावाला फैमिली ने अंतिम समय में स्टेक बेचने के फैसला बदल दिया था। 

इस पूरी डील पर नजर रखने वाले दो व्यक्तियो ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि कंपनी पिछले साल पैसों की समस्या से जूझ रही थी। तब पूनावाला फैमिली ने अपने स्टाॅक को बेचने का फैसला किया था। कंपनी और इनवेस्टर के बीच डील भी फाइनल हो गई थी, लेकिन अंत में वैल्यूएशन से संतुष्ट ना होने की वजह से सीरम इंस्टीट्यूट ने अंतिम समय में यह डील ठुकरा दी थी। बाद में कंपनी को बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की तरफ से 300 मिलियन डाॅलर की इनवेस्टमेंट मिली थी। 

सीरम इंस्टीट्यूट में मौजूदा समय में एस्ट्राजेनेका सहित 5 विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी की है। यह सभी कंपनियां सीरम इंस्टीट्यूट के कोविड वैक्सीन की निर्माण में मदद कर रही हैं। इन सबके अतिरिक्त अदर पूनावाला ने कहा कि उन्हें 3 हजार करोड़ रुपये की मदद भारत सरकार से चाहिए जिससे वह कोविड वैक्सीन का प्रोडक्शन बढ़ा सकें। 

पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट को 1 अरब कोविड वैक्सीन की डोज की सप्लाई करनी है। जिसमें उसे आधा भारत को देनी है। कुछ दिनों पहले सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदर पूनावाला ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। साथ ही उनपर कोरोना वैक्सीन की जल्द से जल्द आपूर्ति करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। जिसके बाद भारत सरकार ने सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला किया था। 

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