पीएम किसान सम्मान निधि की सातवीं किस्त दिसंबर के पहले हफ्ते से आनी शुरू हो जाएगी। दूसरी तरफ 173861 किसानों के खाते में छठी किस्त के रूप में मोदी सरकार ने पैसा तो भेजा पर पेमेंट फेल हो गया। अगर आपके खाते में किस्त नहीं आ रही है तो पहले उसकी वजह जान लें और घर बैठे ही उसे दूर कर लें ताकि सातवीं किस्त आपके खाते में आसानी से पहुंच जाए। अगर आपने ऐसा नहीं किया तो सातवीं किस्त भी नहीं मिलेगी।
गलतियों का घर बैठे ऐसे दूर करें
अगर आवेदन के बाद भी आपके बैंक अकाउंट में पैसे नहीं आए हैं तो अपना रिकॉर्ड चेक कर लें कि कहीं उसमें गलती तो नहीं है। इसके लिए आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं है बल्कि आप घर बैठे अपने मोबाइल से ही ठीक कर सकते हैं, अगर आपने पीएम किसान ऐप डाउन लोड किया है तो गलतियां सुधारना और भी आसान है। आइए जानें कैसे करें इन गलतियों को ठीक...
- PM-Kisan Scheme की ऑफिशियल वेबसाइट (https://pmkisan.gov.in/) पर जाएं। इसके फार्मर कॉर्नर के अंदर जाकर Edit Aadhaar Details ऑप्शन पर क्लिक करें।
- आप यहां पर अपना आधार नंबर दर्ज करें। इसके बाद एक कैप्चा कोड डालकर सबमिट करें।
- अगर आपका केवल नाम गलत होता है यानी कि अप्लीकेशन और आधार में जो आपका नाम है दोनों अलग-अलग है तो आप इसे ऑनलाइन ठीक कर सकते हैं।
- अगर कोई और गलती है तो इसे आप अपने लेखपाल और कृषि विभाग कार्यालय में संपर्क करें
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पेमेंट फेल होने का कारण
बता दें फंड ट्रांसफर ऑर्डर जनरेट होने के बावजूद भुगतान फेल होने की कई वजह हो सकती है। इसकी सबसे बड़ी वजह है आवेदन में लिखा गया नाम आधार से मैच नहीं कर रहा या बैंक अकाउंट से नाम नहीं मिल रहा। किसी ने आधार नंबर सही नहीं डाला है या बैंक का आईएफएससी कोड में गलती कर रखी है। आवेदनकर्ताओं के नाम, मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट नंबर में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है।
बता दें पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत देश के कुल 11 करोड़ 33 लाख 52 हजार सात सौ तीन किसान रजिस्टर्ड हो चुके हैं। इनमें से 10 करोड़ 48 लाख 31 हजार एक सौ तीस किसानों का फंड ट्रांसफर आर्डर जेनरेट भी हो चुका है, यानी मोदी सरकार इनके बैंक खातों में पैसा भेजने की हरी झंडी दे चुकी है, लेकिन इनमें से 13 लाख 78 हजार 727 किसान ऐसे हैं, जिनके खाते में 2000 रुपये की किस्त नहीं पहुंच पाई है। उनके खाते को किया गया पेमेंट फेल हो चुका है। वहीं चार लाख से अधिक किसानों का पैसा विभिन्न कारणों से फंसा हुआ है। पीएम किसान पोर्टल पर उपलब्ध यह डेटा पहली किस्त का है।
सबसे ज्यादा महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और यूपी के मामले
राज्य | रजिस्टर्ड किसान | FTO जेनरेट | पेमेंट सक्सेस | पेमेंट फेल |
पेमेंट रिस्पांस पेंटिंग |
उत्तर प्रदेश | 26,803,630 | 21,672,403 | 21,595,728 | 76,644 | 31 |
महाराष्ट्र | 11,221,841 | 11,026,055 | 10,617,732 | 68,823 | 339,500 |
मध्यप्रदेश | 8,397,835 | 8,155,189 | 8,009,213 | 52,226 | 93,750 |
बिहार | 7,843,296 | 7,851,893 | 7,597,071 | 52,016 | 202,806 |
राज्यस्थन | 7,286,496 | 7,017,803 | 6,899,122 | 27,386 | 91,295 |
गुजरात | 6,111,674 | 5,577,042 | 5,505,839 | 26,189 | 45,014 |
कर्नाटक | 5,582,225 | 5,256,244 | 5,220,975 | 25,351 | 9,918 |
जारखंड | 2,836,509 | 2,350,401 | 2,285,252 | 23,248 | 41,901 |
आंध्रप्रदेश | 5,764,946 | 4,628,467 | 4,606,729 | 21,380 | 358 |
ओडिशा | 4,048,980 | 2,097,651 | 2,058,927 | 15,748 | 22,976 |
स्रोत: https://pmkisan.gov.in/
पीएम किसान पोर्टल पर उपलब्ध आंकाड़ों के मुताबिक पेमेंट फेल होने के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और यूपी के हैं। बता दें खाता अमान्य होने का दूसरा कारण अस्थायी रोक या जो खाता संख्या दिया गया वो बैंक में मौजूद नहीं था। यह भी हो सकता है बैंक पीएफएमएस यानी सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली में रजिस्टर्ड नहीं था। किस्त न मिलने की एक वजह यह भी हो सकती है कि नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया में आधार सीडिंग नहीं हुई हो।