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इस बजट में बढ़ सकती है पीएम किसान सम्मान निधि की राशि, 9000 रुपये सालाना होने की उम्मीद

किसान आंदोलन को ध्यान में रखते हुए इस बजट में खेती-किसानी पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है। पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम में अभी हर साल 6,000 रुपए मिलते हैं। यह 3,000 रुपए बढ़ सकता है।...

इस बजट में बढ़ सकती है पीएम किसान सम्मान निधि की राशि, 9000 रुपये सालाना होने की उम्मीद
Drigraj Madheshiaलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीMon, 01 Feb 2021 08:49 AM
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किसान आंदोलन को ध्यान में रखते हुए इस बजट में खेती-किसानी पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है। पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम में अभी हर साल 6,000 रुपए मिलते हैं। यह 3,000 रुपए बढ़ सकता है।  अब तक इस योजना का लाभ 11 करोड़ 52 लाख किसान उठा रहे हैं। कृषि कर्ज के लिए 19 लाख करोड़ रुपए का नया लक्ष्य तय किया जा सकता है। यह पिछले साल 15 लाख करोड़ रुपए था।

एक फरवरी को पेश होने वाले आम बजट में मोदी सरकार क्या इसकी राशि में इजाफा करेगी? यह सवाल लाखों किसानों के मन में है। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए आगामी बजट में स्वदेशी कृषि अनुसंधान, तिलहन उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण और जैविक खेती के लिए अतिरिक्त धनराशि और प्रोत्साहन देना चाहिए। उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों ने कहा कि प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण (डीबीटी) योजना का इस्तेमाल किसानों को सब्सिडी देने की जगह अधिक समर्थन देने के लिए होना चाहिए।

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डीसीएम श्रीराम के चेयरमैन और वरिष्ठ प्रबंध निदेशक अजय श्रीराम ने कहा कि पीएम-किसान योजना में डीबीटी तंत्र को ठीक से तैयार करना चाहिए और समय के साथ सब्सिडी देने के बदले किसानों को अधिक समर्थन देने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए। श्रीराम ने कहा कि यह किसानों को तय करना चाहिए कि वे इस धन का सही इस्तेमाल कैसे करना चाहते हैं।

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डीबीटी के लाभों के साथ किसान बीज खरीद सकते हैं, नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर सकते हैं, पानी का बेहतर उपयोग कर सकते हैं और ऐसे ही कई दूसरे काम किए जा सकते हैं। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग ने किसान के लिए बेहतर कीमत पाने और बिचौलियों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बजट में खाद्य प्रसंस्करण के लिए ब्याज प्रोत्साहन, करों में कटौती, प्रौद्योगिकी का उपयोग और विशेष प्रोत्साहन देना चाहिए।  

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