कोरोना संकट के बाद बदल जाएगी वाहन उद्योग की तस्वीर
कोरोना ने छोटे से बड़े उद्योगों पर गहरा असर डाला है। इससे वाहन उद्योग भी इससे अछूता नहीं है। लॉकडाउन के दौरान गाड़ियों की बिक्री से लेकर उत्पादन बिल्कुल ठप रहा है। इसका असर गाड़ियों की बिक्री से डिलीवरी...
कोरोना ने छोटे से बड़े उद्योगों पर गहरा असर डाला है। इससे वाहन उद्योग भी इससे अछूता नहीं है। लॉकडाउन के दौरान गाड़ियों की बिक्री से लेकर उत्पादन बिल्कुल ठप रहा है। इसका असर गाड़ियों की बिक्री से डिलीवरी पर आने वाले दिनों में भी दिखाई देगा। कंपनियां ‘सोशल डिस्टेंसिंग' का पालन करने को ऑनलाइन बिक्री पर जोर दे रही है। कार की बीमा, सर्विसिंग, टेस्ट ड्राइव आदि में भी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे।
क्या टेस्ट-ड्राइव की जरूरत नहीं होगी?
नहीं, कोरोना खत्म होने के कुछ महीने तक यह संभव है कि लोग नई गाड़ी का टेस्ट ड्राइव करने से हिचके लेकिन यह बहुत दिनों तक नहीं चलेगा। गाड़ियों की ऑनलाइन बिक्री हो या शोरूम से टेस्ट-ड्राइव का चलन खत्म नहीं होगा।
बीमा, सर्विस करना आसान होगा
कोरोना ने ऑनलाइन के महत्व को बता दिया है। इसका फायदा बीमा कंपनी और सर्विस मुहैया करने वाले डीलर भी उठाएंगे। बीमा कंपनियों ने अभी से सब कुछ ऑनलाइन कर दिया है। ऐप के जरिये बीमा कराने से लेकर क्लेम की सारी प्रक्रिया की जा सकती है। सर्विस मुहैया करने वाले डीलर भी ऑनलाइन जानकारी मुहैया करने की तैयारी कर रहे हैं।
डीलरशिप और शोरूम में दिखेंगे बदलाव
ऑटो कंपनियां वाहनो की ऑनलाइन बिक्री पर जोर दे रही है। ऐसे में निकट भविष्य में कार डीलरशिप में क्या बदलाव देखने को मिलेंगे। ऑटो विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा नहीं होगा कि वाहन कंपनियों को डीलरशिप की जरूरत नहीं होगी। हां, काम करने का तरीका जरूर बदल जाएगा। एक बड़े कार शोरूम की जगह कई छोटे-छोटे शोरूम दिखाई दे सकते हैं।
गाड़ियों की मांग में कमी आएगी?
कोरोना संकट से बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हुए है। ऐसे में यह आशंका जताई जा रही है कि इससे गाड़ियों की मांग कम होगी। लोग पहले अपनी जरूरी जरूरत को पूरा करेंगे। उसके बाद गाड़ियों की खरीदारी करेंगे। ऑटो विशेषज्ञों का कहना है कि इससे पहले भी कई बार इस तरह की महामारी आई है।
