पीएफ कटौती : 4.3 करोड़ कर्मचारियों के मन में उठ रहे कई सवालों के यहां हैं जवाब
कोरोना संकट को देखते हुए सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खाते में कंपनी और कर्मचारी दोनों की ओर से किए जा रहे योगदान को अगले तीन महीनों (जून, जुलाई और अगस्त) के लिए 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी...
कोरोना संकट को देखते हुए सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खाते में कंपनी और कर्मचारी दोनों की ओर से किए जा रहे योगदान को अगले तीन महीनों (जून, जुलाई और अगस्त) के लिए 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया है। इस कदम के बारे में कहा गया है कि इससे कर्मचारियों की टेक होम सैलरी (हाथ में अधिक पैसा) बढ़ेगी। इस फैसले के असर को सवाल-जवाब के जरिये बताया है। ईपीएफ ने इसे ट्विटर पर साझा किया है। आप भी उहापोह में हैं तो सभी सवालों का जवाब यहां है।
मई-जुलाई में शुरू होने वाली नई कंपनियों पर भी लागू होगा?
हां, यह कानून उन सभी कंपनियों पर भी लागू होंगा जो मई से जुलाई, 2020 के बीच शुरू होंगी।
क्या नियोक्ता या कर्मचारी उच्च दर पर भुगतान कर सकते हैं?
ईपीएफ द्वारा कर्मचारी और नियोक्ता द्वारा 10 फीसदी पीएफ योगदान की न्यूनतम दर तय की गई है। पीएफ फंड में अधिक योगदान करने के लिए कर्मचारी और नियोक्ता स्वतंत्र हैं।
क्या नियोक्ता या कर्मचारी उच्च दर पर भुगतान कर सकते हैं?
ईपीएफ द्वारा कर्मचारी और नियोक्ता द्वारा 10 फीसदी पीएफ योगदान की न्यूनतम दर तय की गई है। पीएफ फंड में अधिक योगदान करने के लिए कर्मचारी और नियोक्ता स्वतंत्र हैं।
सीटीसी मॉडल के तहत काम करने वालों को इसका फायदा मिलेगा?
हां, अगर नियोक्ता 10,000 रुपये पर पीएफ जमा करता है तो पीएफ योगदान में कटौती के बाद अब उसे 200 रुपये अधिक प्राप्त होंगे।
यह कटौती कर्मचारी और नियोक्ता को किस तरह फायदा देगी?
किसी का मूल वेतन 10,000 रुपये है तो अब पीएफ के लिए 1000 रुपये काटे जाएंगे। इससे पहले 1200 रुपये काटे जाते थे। वहीं, नियोक्ता को 1200 रुपये के योगदान की जगह 1000 रुपये ही देना होगा।
यह कटौती कर्मचारी और नियोक्ता को किस तरह फायदा देगी?
किसी का मूल वेतन 10,000 रुपये है तो अब पीएफ के लिए 1000 रुपये काटे जाएंगे। इससे पहले 1200 रुपये काटे जाते थे। वहीं, नियोक्ता को 1200 रुपये के योगदान की जगह 1000 रुपये ही देना होगा।
