अर्थव्यवस्था अनलॉक होते ही शहरों में बेरोजगारी घटी पर संकट टला नहीं है
भारतीय अर्थव्यवस्था को खोलने (अनलॉक-1) का असर उम्मीद से बेहतर हुआ है। सात दिन में शहरी बेरोजगारी दर आठ फीसदी घटी है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) की ओर से जारी किए गए डेटा से यह...
भारतीय अर्थव्यवस्था को खोलने (अनलॉक-1) का असर उम्मीद से बेहतर हुआ है। सात दिन में शहरी बेरोजगारी दर आठ फीसदी घटी है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) की ओर से जारी किए गए डेटा से यह जानकारी मिली है। फिलहाल बेरोजगारी का राष्ट्रीय औसत 17.51% है जबकि गांवों में यह दर 17.71% है। अनलॉक शुरू होने के बाद तेजी से उद्योगों में काम शुरू हो रहा है।
सीएमआईई के अनुसार, 7 जून को समाप्त हुए सप्ताह में शहरों में बेरोजगारी की दर 17.08 फीसदी रही जबकि 31 मई को खत्म हुए सप्ताह में यह दर 25.14% थी। रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना से निपटने के लिए लागू लॉकडाउन के बाद यह पहला मौका है, जब बेरोजगारी की दर इतनी कम दर्ज हुई है। अब शहरों में बेरोजगारी की दर राष्ट्रीय औसत और गांवों में बेरोजगारी की दर के मुकाबले कम हो गई है।
देश में स्व-रोजगार करने वाले परिवार घटे कोरोना संकट के कारण एक ओर देश में बेरोजागरी बढ़ी है। वहीं, दूसरी ओर स्व-रोजगार करने वाले परिवारों की संख्या घट गई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के अनुसार, वित्त वर्ष 2018 के मुकाबले 2019 में ग्रामीण क्षेत्र में स्व-रोजगार करने वालों की संख्या 52.2% से घटकर 51.7% पर आ गई।
गांवों में कोई सुधार नहीं
अर्थशा्त्रिरयों के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी की दर 18 फीसदी पर कायम है। इसके चलते आने वाले दिनों में मनरेगा के तहत रोजगार मांगने वालों की संख्या में वृद्धि होगी। साथ ही बुवाई सीजन खत्म होने के चलते गांवों में बेरोजगारी की स्थिति गंभीर होगी।
यह भी पढ़ें: अडानी को मिला दुनिया का सबसे बड़ा ठेका, चार लाख लोगों को मिलेगा रोजागर
संकट टाला नहीं: अर्थशास्त्री अर्थशा्त्रिरयों का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को अनलॉक-1 करने से एक निश्चित गिरावट के बाद बेरोजगारी का आंकड़ा ठहर जाएगा। इसकी वजह यह भी है कि बड़े पैमाने पर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाइयां बंद हो गई हैं या उनका काम ठहर गया है।
निर्माण और बीमा क्षेत्र में मौके बढ़ेंगे
आर्थिक गतिविधियां दोबारा शुरू होने लगी हैं ऐसे में जुलाई-सितंबर में रोजगार की दिशा और दशा खनन-निर्माण, वित्त, बीमा और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्र तय करेंगे। मैनपावर ग्रुप द्वारा 695 नियोक्ताओं के बीच किए गए सर्वेक्षण के मुताबिक खनन-निर्माण, वित्त, बीमा और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्र प्रमुख हैं जिनमें कंपनियां भर्ती की योजना बना रही हैं। विश्व के 44 प्रमुख देशों में भारत उन चार शीर्ष देशों में शामिल है जहां रोजगार को लेकर सकारात्मक रुख बरकरार है।
जानें Hindi News , Business News की लेटेस्ट खबरें, Share Market के लेटेस्ट अपडेट्स Investment Tips के बारे में सबकुछ।