₹7 लाख की कमाई पर छूट, स्लैब में बदलाव, फिर भी पसंद नहीं आ रहा न्यू टैक्स स्ट्रक्चर
ऑनलाइन टैक्स फाइलिंग प्लेटफॉर्म क्लियर के एक सर्वेक्षण से पता चला है कि सिर्फ 15% टैक्सपेयर्स ने नई व्यवस्था को चुना, जबकि 85% ने अभी भी पुरानी व्यवस्था को पसंद किया है।

Old tax regime vs New tax regime: केंद्र सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद टैक्सपेयर्स को न्यू टैक्स रिजीम कुछ खास पसंद नहीं आ रहा है। ऑनलाइन टैक्स फाइलिंग प्लेटफॉर्म क्लियर के एक सर्वेक्षण से पता चला है कि सिर्फ 15% टैक्सपेयर्स ने नई व्यवस्था को चुना, जबकि 85% ने अभी भी पुरानी व्यवस्था को पसंद किया है।
बजट में बदला गया स्लैब
बता दें कि बजट 2020 में न्यू टैक्स रिजीम को पेश किया गया था। इसके तहत टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया था और करदाताओं को रियायती टैक्स दरों की पेशकश की गई थी। हालांकि, जो लोग नई व्यवस्था का विकल्प चुनते हैं, वे एचआरए, एलटीए, 80सी, 80डी जैसी कई छूटों और कटौतियों का दावा नहीं कर सकते हैं। इस वजह से नई टैक्स व्यवस्था को ज्यादा लोग स्वीकार नहीं कर पाए। हालांकि, बजट 2023 में सरकार ने टैक्सपेयर्स को रिझाने के लिए नई व्यवस्था में कई अहम बदलाव किए। इसमें सबसे बड़ा बदलाव छूट की सीमा को बढ़ाने का था।
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7 लाख तक की आय पर टैक्स छूट
बजट 2023 में 7 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट की शुरुआत की गई है। पुरानी कर व्यवस्था के तहत यह सीमा 5 लाख रुपये है। इसका मतलब यह है कि 7 लाख रुपये तक की आय वाले टैक्सपेयर्स को नई व्यवस्था के तहत बिल्कुल भी टैक्स नहीं देना होगा। वहीं, टैक्स छूट सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया गया है। नई व्यवस्था में वेतन भोगी व्यक्ति को 50 हजार रुपए की मानक कटौती का लाभ देने और परिवार पेंशन से 15 हजार तक कटौती किया गया है। नई व्यवस्था को डिफॉल्ट टैक्स व्यवस्था बनाया जाएगा, हालांकि नागरिकों के लिए पुरानी टैक्स व्यवस्था का लाभ लेने का विकल्प जारी रहेगा।
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अप्रैल-जून 2023 में दाखिल रिटर्न की संख्या
देश में अप्रैल-जून 2023 के बीच दाखिल आयकर रिटर्न की संख्या सालाना आधार पर करीब दोगुना होकर 1.36 करोड़ के पार पहुंच गई। आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2023 थी। जिन कंपनियों और लोगों के लिए अपने खातों का ऑडिट कराना आवश्यक है, उनके लिए वित्त वर्ष 2022-23 में अर्जित आय के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर है। जुलाई में 5.41 करोड़ से अधिक रिटर्न दाखिल किए गए।
