खुल गया हिमालय के अदृश्य 'योगी' का राज! जांच एजेंसी के हाथ लगा बड़ा सबूत, चित्रा रामकृष्ण से था ये संबंध
NSE Scam: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) स्कैम मामले में सीबीआई (CBI) ने एनएसई के पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर आनंद सुब्रमण्यम (Anand subramanian) को अपने गिरफ्त में ले लिया है। मामले की जानकारी रखने...
NSE Scam: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) स्कैम मामले में सीबीआई (CBI) ने एनएसई के पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर आनंद सुब्रमण्यम (Anand subramanian) को अपने गिरफ्त में ले लिया है। मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा "को-लोकेशन मामले में आनंद सुब्रमण्यम की गिरफ्तारी चेन्नई में तीन दिनों तक लगातार पूछताछ के बाद हुई है, उसे हिरासत के लिए विशेष अदालत में पेश किया जाएगा।" इतना ही नहीं सीबीआई को यह भी अंदेशा है कि आनंद सुब्रमण्यम ही हिमालय के बाबा 'योगी' हैं, जिनसे सालों से एनसई की पूर्व प्रबंध निदेशक एवं सीईओ चित्रा रामकृष्ण सलाह ले रही थीं।
नाम न छापने की शर्त पर एक व्यक्ति के अनुसार, सीबीआई ने यह पता लगाया है कि सुब्रमण्यम ही वह अदृश्य 'योगी' था, जिसके इशारे पर एनएसई की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण सालों से काम कर रही थीं।
CBI के हाथ लगा बड़ा सबूत
सेबी ने अपने 190 पन्नों की रिपोर्ट में पाया था कि चित्रा रामकृष्ण अज्ञात ईमेल आईडी 'rigyajursama@outlook.com' से फाइनेंशियल डेटा समेत एक्सचेंज की संवेदनशील जानकारी लीक कर रही थीं। सेबी की जांच में यह भी आया था कि यह अकाउंट 'rigyajursama@outlook.com' और सुब्रमण्यम के मोबाइल नंबर जुड़े हुए थे।
अब लाइव मिंट को सूत्रों ने बताया, "सीबीआई को ईमेल के कुछ स्क्रीनशॉट मिले हैं जो अज्ञात आईडी द्वारा सुब्रमण्यम की अपनी आईडी पर फारर्वेड किए गए थे। इसके अलावा इस बात का सबूत है कि उन्होंने ईमेल आईडी बनाई थी।'' सूत्रों के मुताबिक जिस लैपटॉप को नष्ट किया गया था उसका आईपी एड्रेस और ईमेल का आईपी एड्रेस एक ही था।
बता दें कि इससे पहले कंसल्टेंसी फर्म E&Y के फॉरेंसिक ऑडिट में भी कहा गया है कि रामकृष्ण को खुद आनंद सुब्रमण्यम डायरेक्ट कर रहे थे। सुब्रमण्यम के डेस्कटॉप पर "anand.subramanian9" और "sironmani.10" नाम से स्काइप अकाउंट मिले थे।
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कौन हैं चित्रा रामकृष्ण और आनंद सुब्रमण्यम? (Who is chitra ramkrishna and anand subramanian?)
चित्रा रामकृष्ण साल 2013 से लेकर 2016 तक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की सीईओ और एमडी रहीं। 2013 में उन्हें सीईओ पद सौंप दिया गया। हालांकि, 2016 में उन्हें पद के गलत इस्तेमाल और एक घोटाले से नाम जुड़ने के बाद एनएसई से निकाल दिया गया था। चित्रा पर आरोप हैं कि उन्होंने अपने कार्यकाम के दौरान कई ऐसे फैसले लिए, जो कि शेयर बाजार के हित से नहीं जुड़ा था। इनमें एक फैसला था आनंद सुब्रमण्यम की नियुक्ति का, जिनके लिए चित्रा ने एनएसई में अधिकारी स्तर का पद तैयार किया था। साथ ही चित्रा ने अपने कार्यकाल के दौरान हर बार आनंद सुब्रमण्यम को प्रमोशन दिया। आनंद सुब्रमण्यम एनएसई में शामिल होने से पहले बामर एंड लॉरी नाम की एक कंपनी में काम करते थे। जहां उनकी सैलरी केवल 15 लाख रुपये सालाना थी और शेयर बाजार और उससे संबंधित काम का कोई अनुभव नहीं था। बावजूद आंनद सुब्रमण्यम को 1.68 करोड़ रुपये का सैलरी पैकेज दिया गया।
को-लोकेशन का है मामला
NSE को-लोकेशन स्कैम में कुछ चुनिंदा ब्रोकर्स को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया गया था। जांच एसेंजीज के मुताबिक, OPG सिक्योरिटीज नामक ब्रोकरेज फर्म को फायदा पहुंचाने के लिए उसे को-लोकेशन फैसिलिटीज का एक्सेस दिया गया था। इस फैसिलिटी में मौजूद ब्रोकर्स को बाकियों की तुलना में कुछ समय पहले ही सारा डेटा मिल जाता है।