Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़No proposal to change bank name after merger of Oriental Bank of Commerce and United Bank of India said PNB

ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के विलय के बाद भी बैंक का नाम बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं: पीएनबी

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने मंगलवार को कहा कि दो अन्य बैंकों के विलय के बाद बैंक का नाम बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है। सरकार ने पंजाब नेशनल बैंक के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के दो अन्य बैंकों ओरिएंटल...

Drigraj Madheshia एजेंसी, नई दिल्लीWed, 12 Feb 2020 10:18 AM
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पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने मंगलवार को कहा कि दो अन्य बैंकों के विलय के बाद बैंक का नाम बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है। सरकार ने पंजाब नेशनल बैंक के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के दो अन्य बैंकों ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स (ओबीसी) और यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया (यूबीआई) के विलय का फैसला किया है। यूबीआई ने कहा था कि बैंक का नया नाम और चिन्ह घोषित होगा।

एक अप्रैल 2020 से अस्तित्व में आएगा तीनों बैंकों का विलय

पीएनबी की तरफ से यह वक्तव्य ऐसे समय आया है जब यूबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि सरकार विलय के बाद बनने वाले नये बैंक का नया नाम और चिन्ह घोषित कर सकती है। तीनों बैंकों का विलय एक अप्रैल 2020 से अस्तित्व में आ जायेगा।

विलय के बाद पीएनबी सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा बड़ा बैंक बन जाएगा

पीएनबी ने एक ट्वीट में कहा, पंजाब नेशनल बैंक यह स्पष्ट करता है कि बैंक का नाम बदलने का कोई पस्ताव नहीं है।  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल सार्वजनिक क्षेत्र के दस बैंकों का एक दूसरे में विलय कर चार बैंक बनाने की घोषणा की थी। ओबीसी और यूबीआई बैंक का पीएनबी में विलय करने का फैसला किया गया। इस विलय के बाद पीएनबी सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा बड़ा बैंक बन जाएगा। 

इसके अलावा सिंडीकेट बैंक का केनरा बैंक में, इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक के साथ और इसी प्रकार आंध्र बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ विलय करने की घोषणा की गई। ओबीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक मुकेश कुमार जैन ने कहा कि ओबीसी, यूबीआई और पीएनबी का प्रस्तावित विलय समानता के आधार पर होगा।

उन्होंने कहा, ''हमने वित्त मंत्री से आग्रह किया है कि तीनों बैंकों के विलय के बाद बनने वाले बैंक का नाम या तो तीनों बैंकों के अलग होना चाहिए अथवा यह नाम तीनों की पुरानी पहचान को बरकरार रखते हुए रखा जाना चाहिए। इससे नये नाम में तीनों की समान भागीदारी का एहसास होगा। इससे पहले इस तरह का विलय विजय बैंक और देना बैंक का बैंक आफ बड़ौदा में हो चुका है जहां विलय के बाद सबसे बड़े बैंक ऑफ बड़ौदा के नाम पर ही नए बैंक का नाम रखा गया।

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