तैयार फ्लैट पर GST नहीं, लाभ खरीदारों तक पहुंचाएं रीयल एस्टेट बिल्डरः वित्त मंत्रालय
वित्त मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि त्यौर फ्लैटों और बिल्डिंग या परिसरों के विक्रय पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा, जहां बिक्री से पहले भवन निमार्ण पूर्ण होने का प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका...
वित्त मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि त्यौर फ्लैटों और बिल्डिंग या परिसरों के विक्रय पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा, जहां बिक्री से पहले भवन निमार्ण पूर्ण होने का प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका है।
मंत्रालय ने कहा है कि तैयारी संपत्तियों पर जीएसटी नहीं लिया जाएगा, लेकिन निर्माणाधीन परिसंपत्तियां अथवा ऐसी तैयार परिसंपत्तियां जिनके लिए निमार्ण पूर्ण होने का प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं हुआ है, उनकी बिक्री पर जीएसटी देना होगा। वित्त मंत्रालय ने बिल्डरों से जीएसटी की घटी दर का लाभ खरीदारों को देने के लिए संपत्तियों के दाम कम करने को भी कहा है।
मंत्रालय ने कहा है कि जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय नवीनीकरण मिशन, राजीव आवास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना तथा राज्य सरकार की अन्य ऐसी सस्ती आवास परियोजनाओं पर 8 प्रतिशत की दर से जीएसटी लागू होगा। इस जीएसटी को बिल्डर अपने संचित इनपुट कर क्रेडिट में समायोजित कर सकते हैं। इस प्रकार की सस्ती आवासीय परियोजनाओं के मामले में इनपुट कर क्रेडिट का समायोजन करने के बाद बिल्डर अथवा डेवलपर को ज्यादातर मामलों में जीएसटी का नकद भुगतान करने की आवश्यकता नहीं रह जाएगी।
इन मामलों में बिल्डर के खातों में पहले ही काफी इनपुट टैक्स क्रेडिट एकत्रित हो चुका होगा जिसे वह जीएसटी के लिये समायोजित कर सकता है। यह भी कहा गया है कि सस्ती आवासीय परियोजनाओं के अलावा दूसरी आवासी परियोजनाओं अथवा परिसरों और फ्लैट के दाम जीएसटी क्रियान्वयन की वजह से नहीं बढ़ने चाहिए। बिल्डर से कहा गया है कि वह निम्न कर बोझ का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाएं। बयान में कहा गया है कि जीएसटी पूर्व प्रभावी कर दर 15 से 18 प्रतिशत था लेकिन जीएसटी में यह कम हो गया है।
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