मनरेगा के लिए अतिरिक्त 40 हजार करोड़ का प्रावधान, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया ऐलान
कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर प्रवासी श्रमिकों के अपने-अपने घर लौटने के कारण उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त...

कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर प्रवासी श्रमिकों के अपने-अपने घर लौटने के कारण उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया गया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आज लगातार पांचवे दिन संवाददाताओं से चर्चा में यह जानकारी देते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष के बजट में मनरेगा के लिए 61 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है लेकिन कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर अब 40 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रवासी और गरीबों को त्वरित मदद की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'जान है तो जहान है' का नारा दिया था और इसकी के मद्देनजर जीवन को प्राथमिकता दी जा रही है। गरीबों को तुरंत आर्थिक मदद दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण घर लौट रहे मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी और इससे जल संरक्षण संपदा के साथ ही अन्य कार्य कराये जायेंगे। उन्होंने कहा कि इससे उच्च उत्पादकता के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
मनरेगा का बजट पहली बार 1 लाख करोड़ रुपए हो गया है। बजट में 60 हजार करोड़ रुपए का प्रवाधन किया गया था और अब सरकार ने 40 हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त देने का फैसला किया है। इस तरह एक वित्त वर्ष में पहली बार मनरेगा के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रोत्साहन पैकेज की पांचवीं किस्त में सात मुद्दों 'मनरेगा, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, कारोबार, कंपनी अधिनियम को गैर-आपराधिक बनाने, कारोबार की सुगमता, सार्वजनिक उपक्रम और राज्य सरकारों से जुड़े संसाधन पर ध्यान दिया जा रहा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत के लिए लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉ पर आज का फोकस किया गया है। शुरुआत हमने गरीब कल्याण योजना के साथ की थी। 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देने की व्यवस्था की गई। पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत खाते में कैश डाले गए। डीबीटी टेक्नॉलजी से पीएम किसान में योजना के तहत 8.19 करोड़ किसानों को मदद दी गई है। 2 करोड़ 81 लाख वुद्ध और दिव्यांगों को पेंशन दिया गया। जनधन खाता धारक 20 करोड़ खातों में रुपए डाले गए। निर्माण कार्य से जुड़े मजदूरों को 3950 करोड़ रुपए की मदद दी गई।
वहीं, कोविड-19 महामारी के दौरान ऑनलाइन शिक्षा पर बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जिनके पास इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है, उनके लिए स्वयं प्रभा डीटीएच चैनल्स लॉन्च किए। अब इसमें 12 और चैनल्स जोड़े जा रहे हैं।
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