New Labour code: 1 जुलाई से बदल जाएगी ऑफिस की टाइमिंग! सैलरी- PF पर भी असर
नए लेबर कोड में कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव पेश किया है। यह 4-3 अनुपात के प्रति सप्ताह में बांटा गया है। आसान भाषा में समझें तो 4 दिन ऑफिस, 3 दिन का वीक ऑफ होगा।

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देश में 4 लेबर कोड (श्रम संहिता) के लागू करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो 1 जुलाई से लेबर कोड के नए नियम लागू हो जाएंगे। इसके लागू होने के साथ ही इन हैंड सैलरी, कर्मचारियों की ऑफिस टाइमिंग, पीएफ कंट्रीब्युशन के अलावा ग्रेच्युटी आदि पर असर पड़ने की संभावना है।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने लेबर कोड को लेकर एक ड्राफ्ट तैयार किया था। इसके बाद राज्यों को अपनी तरफ से नियमों को तैयार करने को कहा गया। बीते दिनों श्रम और रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा था कि केवल 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने ड्राफ्ट नियमों को तैयार किया है।
क्या है केंद्र के ड्राफ्ट में: केंद्र सरकार के ड्राफ्ट के मुताबिक कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव पेश किया है। यह 4-3 अनुपात के प्रति सप्ताह में बांटा गया है। आसान भाषा में समझें तो 4 दिन ऑफिस, 3 दिन का वीक ऑफ होगा। अगर इसका कैल्कुलेशन देखें तो कर्मचारियों को 4 दिन में 48 घंटे यानी हर दिन 12 घंटे काम करना होगा। कर्मचारियों को हर पांच घंटे के बाद आधा घंटे का विश्राम का भी प्रस्ताव है।
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ओवरटाइम, पीएफ पर असर: अगर कर्मचारी एक हफ्ते में 48 घंटे से ज्यादा काम करता है तो ओवर टाइम के पैसे मिलेंगे। मूल वेतन कुल वेतन का 50% या अधिक होना चाहिए। मूल वेतन बढ़ने से आपका पीएफ भी बढ़ेगा। इस वजह से रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन राशि में इजाफा होगा। वहीं, केंद्र सरकार के लेबर कोड में इंसेंटिव, मेडिकल इंश्योरेंस समेत अन्य सुविधाओं के लिए भी प्रस्ताव है।