NBFC दिवाला प्रक्रिया में जाएगी, सेक्टर की कम होगी परेशानी
रिजर्व बैंक अब ऋण शोधन एवं दिवाला कानून के तहत कम-से-कम 500 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के समाधान के लिए कह सकता है। इस कदम से एनबीएफसी क्षेत्र में समस्याओं को दूर...
रिजर्व बैंक अब ऋण शोधन एवं दिवाला कानून के तहत कम-से-कम 500 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के समाधान के लिए कह सकता है। इस कदम से एनबीएफसी क्षेत्र में समस्याओं को दूर करने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय बैंक के साथ चर्चा के बाद कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने सोमवार को अधिसूचना जारी की। इसमें वित्तीय सेवा प्रदाताओं की श्रेणी को स्पष्ट किया गया है जो ऋण शोधन एवं दिवाला संहिता (आईबीसी) के तहत समान व्यवस्था के अंतर्गत समाधान के लिये जा सकते हैं। मंत्रालय ने शुक्रवार को बैंकों को छोड़कर वित्तीय सेवा प्रदाताओं (एफएसपी) की समस्याओं से संहिता के निपटने की रूपरेखा को अधिसूचित किया। इसके अंतर्गत क्षेत्रीय नियामक दबाव वाली इकाइयों के समाधान की मांग कर सकते हैं।
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में नकदी संकट के बीच सामान्य व्यवस्था लाई गई है। मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा, 500 करोड़ रुपये या उससे अधिक की संपत्ति वाली आवास वित्त कंपनियों समेत गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को आईबीसी के तहत ऋण शोधन समाधान और परिसमापन कार्यवाही के लिये लिया जा सकता है।
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