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Mutual Funds : म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट बच्चों के भविष्य के लिए अच्छा विकल्प, निवेश से पहले पढ़ें SEBI की गाइडलाइंस

म्यूचुअल फंड में निवेश अधिकतर भविष्य के वित्तीय लक्ष्यों को ध्यान में रखकर किया जाता है। अगर आप बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं तो जरा ठहरिये... इस...

Ratnakar Pandey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली Fri, 27 Dec 2019 06:11 PM
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म्यूचुअल फंड में निवेश अधिकतर भविष्य के वित्तीय लक्ष्यों को ध्यान में रखकर किया जाता है। अगर आप बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं तो जरा ठहरिये... इस खबर को ध्यान से पढ़िये, यह आपके लिए बहुत मददगार साबित होगी। अगर आप अपने बच्चों के भविष्य को देखकर निवेश कर रहे हैं तो इक्विटी फंड एक अच्छा विकल्प है। अब आइये इसे आसान भाषा में समझते हैं... 

दरअसल इक्विटी फंड में निवेश से पहले आपको KYC की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। KYC यानी 'नो योर कस्टमर्स'। यह प्रक्रिया आपके वैरिफिकेशन के लिये होती है, जो कि बैंक करता है। इसमें आधार कार्ड या वोटर आईडी कार्ड का इस्तेमाल किया जा सकता है।  

एक जरूरी बात, अगर निवेश करने वाला नाबालिग है तो वह कैसे निवेश करेगा ?  सामान्यत: नाबालिग के पास आमदनी का कोई साधन नहीं होता और कई जरूरी दस्तावेज भी नहीं होते हैं। लिहाजा कई लोग इससे बचने के लिए अपने फोलियो से निवेश करते हैं या कम रिटर्न वाले विकल्प (जैसे चाइल्ड इंश्योरेंस) चुनते हैं। यही वजह है कि इनमें ज्यादा रिटर्न नहीं मिल पाता है। 

निवेश के दौरान कई एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMCs) केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर चुके निवेशकों को बच्चों के लिए निवेश करने का मौका देती हैं। मगर मसला यह है कि इसके लिए कोई निश्चित या तय गाइडलाइन नहीं है, जिसकी वजह से निवेशकों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इन सभी मुश्किलों से बचने के लिए सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया  (SEBI) ने गाइडलाइन जारी की है। 

सेबी के नियम के मुताबिक, म्यूचुअल फंड में फोलियो में निवेश नाबालिग के बैंक अकाउंट या पैरेंट्स के जॉइंट अकाउंट से किया जा सकता है। इसके लिये चेक या दूसरा कोई भी तराका मान्य किया जायेगा। जब तक गाइडलाइन जारी नहीं थी तब तक AMCs पैरेंट्स को उनके बच्चों की ओर से ट्रांजेक्शन की इजाजत देती थी। यह प्रक्रिया उनके बालिग होने के बाद भी जारी रहती थी।

लेकिन अब सेबी ने यह स्पष्ट किया है कि अभिभावक ऐसा नहीं कर पायेंगे। अब कोई भी ट्रांजैक्शन तब तक नहीं होगा जब तक नाबालिग व्यस्क होने पर अपना स्टेटस बदल नहीं देते और केवाईसी पूरा नहीं करते।

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