पश्चिम बंगाल में ₹20000 करोड़ निवेश करेगी रिलायंस, मुकेश अंबानी ने बताया प्लान
मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज तीन साल में पश्चिम बंगाल में 20,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करेगी। यह पहले से निवेश किए गए 45,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज तीन साल में पश्चिम बंगाल में 20,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करेगी। यह पहले से निवेश किए गए 45,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त है। इस निवेश की जानकारी देते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में व्यापार करने की लागत भारत में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी है। इसके अलावा, अंबानी ने रिलायंस रिटेल के माध्यम से बंगाल के हस्तशिल्प और व्यंजनों को बढ़ावा देने का इरादा भी जताया है। बता दें कि मुकेश अंबानी बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट 2023 के उद्घाटन समारोह में पहुंचे थे। इस दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौजूद थीं।
क्या है प्लान: अंबानी ने कहा, ''हमारी अगले तीन साल में 20,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश की योजना है। यह निवेश दूरसंचार, खुदरा और जैव ऊर्जा क्षेत्र में किया जाएगा। रिलायंस बंगाल के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। '' उन्होंने कहा कि रिलायंस की दूरसंचार इकाई जियो 5जी को राज्य के हर कोने तक ले जा रही है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ा जा रहा है। बंगाल के ज्यादातर हिस्सों को इसके दायरे में शामिल कर लिया गया है। जियो का नेटवर्क राज्य में 98.8 प्रतिशत और कोलकाता दूरसंचार सर्किल में 100 प्रतिशत आबादी को 'कवर' करता है। अंबानी ने कहा, ''जियो का मजबूत नेटवर्क पश्चिमी बंगाल में रोजगार के साथ बड़े पैमाने पर शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और कृषि को बढ़ावा देगा।''
रिलायंस रिटेल का प्लान: इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रिलायंस की खुदरा इकाई रिलायंस रिटेल अगले दो साल में पश्चिम बंगाल में करीब 200 नये स्टोर खोलने की योजना बना रही है। अभी रिलायंस के करीब 1,000 स्टोर बंगाल में सक्रिय हैं जो विस्तार के बाद बढ़कर 1,200 हो जाएंगे। अंबानी ने कहा कि हमारे खुदरा कारोबार से बंगाल के सैकड़ों छोटे एवं मझोले उद्यम और करीब 5.5 लाख किराना दुकानदार जुड़े हैं। नई दुकानें खुलने से उनको फायदा होगा।
उन्होंने कहा कि रिलायंस अगले तीन साल में 100 कंप्रेस्ड बायोगैस संयंत्र (सीबीजी) लगाएगी जहां 55 लाख टन कृषि अवशिष्ट और जैविक कचरे की खपत होगी। इससे करीब 20 लाख टन कार्बन उत्सर्जन की कटौती में मदद मिलेगी और सालाना 25 लाख टन जैविक खाद का उत्पादन होगा।
