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इस दिवालिया कंपनी को खरीदेंगे मुकेश अंबानी! दिग्गज कंपनी का 90 साल का है पुराना इतिहास

कंपनी पर मार्च तिमाही के अंत तक 3.31 अरब डॉलर का कर्ज था। लॉकडाउन नियमों में ढील और लोगों के घरों से फिर बाहर निकलने के चलते हाल के महीनों में सौंर्दय प्रसाधन की मांग पूरी दुनिया में फिर से बढ़ी है।

Varsha Pathak लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 17 June 2022 06:14 PM
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मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance industries) अमेरिकी कंपनी रेवलॉन इंक (Revlon inc) का अधिग्रहण करने की योजना बना रही है। बता दें कि कॉस्मेटिक्स बनाने वाली अमेरिका की दिग्गज कंपनी रेवलॉन दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई है। रेवलॉन ने बैंकरप्सी (bankruptcy) के लिए आवेदन कर दिया है। ईटी नाउ की खबर के मुताबिक, रेवलॉन को खरीदने के लिए मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने दिलचस्पी दिखाई है। इस खबर के बाद प्री-मार्केट ट्रेडिंग में रेवलॉन इंक के शेयरों में 87 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। 

रिलायंस का फोकस फैशन और पर्सनल केयर सेक्टर 
रिपोर्ट के अनुसार, प्रमुख ऑयल डील से पीछे हटने के बाद अब रिलायंस फैशन और पर्सनल केयर सेक्टर में अपनी जगह मजबूत बना रही है। मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी ने पहले ही टेलीकाॅम और रिटेल सेक्टर में पैर जमा लिया है। बता दें कि मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस का ऑयल से लेकर रिटेल तक दबदबा है और अब कंपनी कॉस्मेटिक सेक्टर में दिलचस्पी ले रही है। बता दें कि एक दिन पहले ही कंपनी ने चैप्टर 11 बैंकरप्सी के लिए आवेदन किया है। इसके तहत कंपनी अपना कामकाज जारी रख सकती है और साथ ही कर्ज चुकाने के लिए योजना बना सकती है।

रेवलॉन पर है भारी कर्ज
कंपनी पर मार्च तिमाही के अंत तक 3.31 अरब डॉलर का कर्ज था। लॉकडाउन नियमों में ढील और लोगों के घरों से फिर बाहर निकलने के चलते हाल के महीनों में सौंर्दय प्रसाधन की मांग पूरी दुनिया में एक बार फिर से बढ़ी है। हालांकि रेवलॉन को कई डिजिटल स्टार्टअप ब्रांड से कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा कंपनी ने मार्च में कहा था कि कि उसे आपूर्ति के मोर्चे पर कई तरह की दिक्कतों को सामना करना पड़ा रहा है और इस वजह से वह मांग को पूरी नहीं कर पा रही है।

90 साल पुरानी कंपनी
कंपनी का इतिहास काफी पुराना है। अपने शुरुआती दिनों में कंपनी नेल पॉलिश का कारोबार करती थी। लेकिन 1955 में कंपनी लिपस्टिक के कारोबार में उतरने का फैसला किया। बता दें, यह एक इंटरनेशनल ब्रांड है। और इसकी कंपनी का मालिकाना हक अरबपति उद्योगपति Ron Perelman के पास है। कोविड 19 की वजह से कंपनी की सप्लाई चेन पर बुरा असर पड़ा। लोग घर से निकलना बंद कर दिए जिसकी वजह से लिपस्टिक जैसे सामानों की खपत कम हो गई। इससे कंपनी के रेवन्यू पर बुरा असर पड़ा। अब जब सबकुछ धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है तब स्टार्टअप्स और नए ब्रांड ने पहले के मुकाबले इस सेगमेंट में प्रतियोगिता को बढ़ा दिया है। जिसकी पुरानी जगह बनाना आसान नहीं हो रहा है। 

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