मुकेश अंबानी की कंपनी के शेयर बेच निकल रहे निवेशक, सरकार की सख्ती का असर!
बीते कुछ समय से तेल किल्लत का सामना कर रहे यूरोप और अमेरिका जैसे क्षेत्रों में ईंधन का निर्यात करके रिलायंस इंडस्ट्रीज और रोजनेफ्ट समर्थित नायारा एनर्जी जैसी रिफायनरी बड़ा मुनाफा कमा रही हैं।

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मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के निवेशकों के लिए शुक्रवार का दिन बेहद निराश करने वाला रहा। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन बिकवाली की वजह से RIL का स्टॉक करीब 8 फीसदी लुढ़क गया। रिलायंस का स्टॉक भाव 2400 रुपये के स्तर पर है। एक दिन पहले के मुकाबले स्टॉक में 200 रुपये तक की गिरावट आ गई है। स्टॉक में यह गिरावट सरकार के एक फैसले की वजह से आई है।
क्या है सरकार का फैसला: सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों द्वारा पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन (एटीएफ) के अन्य देशों को निर्यात पर टैक्स लगाया है। वित्त मंत्रालय के नोटिफिकेशन में कहा गया कि सरकार ने पेट्रोल और एटीएफ के निर्यात पर छह रुपये प्रति लीटर की दर से टैक्स लगाया है। वहीं, डीजल के निर्यात पर 13 रुपये प्रति लीटर का टैक्स लगाया गया है।
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निर्यात टैक्स की वजह: दरअसल, यूक्रेन पर रूस के हमले के मद्देनजर तेल किल्लत का सामना कर रहे यूरोप और अमेरिका जैसे क्षेत्रों में ईंधन का निर्यात करके रिलायंस इंडस्ट्रीज और रोजनेफ्ट समर्थित नायारा एनर्जी जैसी रिफायनरी बड़ा मुनाफा कमा रही हैं। इस लिहाज से निर्यात टैक्स लगाया जाना काफी अहम है।
ये भी है वजह: निर्यात टैक्स लगाने का एक उद्देश्य पेट्रोल पंपों पर घरेलू आपूर्ति बेहतर करना भी है क्योंकि मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में ईंधन की कमी का संकट खड़ा है और निजी रिफायनरी ईंधन की स्थानीय स्तर पर बिक्री करने के बजाए इसके निर्यात को प्राथमिकती दे रही हैं।