कोरोना लॉकडाउन में नई शुरुआत, 12 लाख लोगों ने पकड़ी शेयर बाजार की राह, तेजी से बढ़े नए निवेशक
कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान अधिकतर लोगों के कामकाज बंद हो गए। दुकान, व्यापार, नौकरी जैसे आमदनी के अधिकतर रास्ते कोरोना की वजह से बाधित रहे। हालांकि, इस बीच 10 लाख से अधिक लोगों ने कमाई के लिए शेयर...

कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान अधिकतर लोगों के कामकाज बंद हो गए। दुकान, व्यापार, नौकरी जैसे आमदनी के अधिकतर रास्ते कोरोना की वजह से बाधित रहे। हालांकि, इस बीच 10 लाख से अधिक लोगों ने कमाई के लिए शेयर बाजार का रास्ता पकड़ा है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च और अप्रैल के दौरान सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज ने 12 लाख नए खाते खोले हैं, जबकि साल के पहले दो महीनों जनवरी और फरवरी में कुल 9 लाख लोगों ने खाते खोले थे। यानी लॉकडाउन में शेयर बाजार में निवेशकों की संख्या पहले के मुकाबले तेजी से बढ़ी है।
कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से शेयर बाजार कई सालों के निचले स्तर पर चला गया। शेयरों की कीमतें कम हो गईं। नए निवेशकों ने इस मौके का फायदा उठाते हुए कम कीमत पर शेयर खरीदे हैं। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का बीएसई सेंसेक्स जनवरी के सर्वोच्च स्तर से 26 पर्सेंट नीचे है।
दिल्ली में कपड़े की दुकान चलाने वाले रौनक सिंह ने कहा कि उन्होंने लॉकडाउन में शेयर बाजार में एंट्री मारी है। 27 वर्षीय रौनक सिंह ने कहा, ''मैं पिछले कई महीनों से इसके बारे में सोच रहा था, लेकिन बहुत व्यस्त रहने की वजह से यह नहीं कर पा रहा था।'' उन्होंने पिछले दो महीनों में 1 लाख 60 हजार रुपए निवेश किए हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए इससे अच्छा मौका नहीं हो सकता था।
जेरोधा ब्रोकिंग लिमिटेड के सीईओ नितिन कामाथ कहते हैं, ''वर्क फ्रॉम होम ने लोगों को वह करने का मौका दिया है जो वह अब तक नहीं कर पा रहे थे।'' उन्होंने कहा कि फरवरी के मुकाबले मासिक खाते खुलने की दर दोगुनी हो गई है। नए निवेशकों में 20 पर्सेंट की वृद्धि हुई है। इनमें से अधिकतर 30 साल से कम उम्र के हैं।
