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Monetary Policy: आरबीआई को आठ बड़ी चुनौतियों से निपटना होगा

कोराना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमिक्रॉन’ की भयावह रूप के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक समिति आज अपना फैसला सुनाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ती महंगाई और आर्थिक चुनौतियों से...

Monetary Policy: आरबीआई को आठ बड़ी चुनौतियों से निपटना होगा
Drigraj Madheshia नई दिल्ली। हिन्दुस्तान ब्यूरो, Wed, 8 Dec 2021 05:41 AM
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कोराना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमिक्रॉन’ की भयावह रूप के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक समिति आज अपना फैसला सुनाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ती महंगाई और आर्थिक चुनौतियों से सामांजस्य बिठाकर मौद्रिक समीक्षा की घोषणा करना समिति के सामने बड़ी चुनौती होने वाली है। समिति के सामने मौजूदा समय में 8 अहम चुनौतियां हैं, जिनसे निपटकर फैसला लेना मुश्किल हो सकता है।

वहीं, कई जानकारों का कहना है कि आरबीआई बैठक में विकास पर फोकस करेगा। महंगाई को कुछ और दिन ऐसे ही रहने देगा। इसके साथ ही ओमिक्रॉन के संक्रमण को देखते हुए बाजार में लिक्विडिटी को बढ़ाने के लिए कुछ कदमों का ऐलान किया जा सकता है। आरबीआई बुधवार को लगातार नौवीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का ऐलान कर सकता है।

आर्थिक विशेषज्ञों का मनना है कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने अब तक कोरोना महामारी में बेहतर काम किया है। बाजार में मांग बढ़ाने से लेकर सस्ते लोन की उपलब्धता पर उनका जोर रहा है। ऐसे में इस बार ही इस से अलग कुछ होने की उम्मीद नहीं है।

इन चुनौतियों से पार पाने के रास्ते ढूंढने होंगे

1. ओमिक्रॉन का अर्थव्यवस्था पर असर

विश्व स्वास्थ्य संगठनने कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट को बहुत ही खतरनाक बताया है। भारत में ओमिक्रॉन संक्रमित मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। अगर ओमिक्रॉन वेरिएंट अनुमान से अधिक खतरनाक रूप धारण कर लेता है तो दुनियाभर की विभिन्न सरकारों को कड़े प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। भारत भी इससे अछूता नहीं रहेगा। इससे वस्तुओं और सेवाओं की मांग को बड़ा झटका लगेगा। ऐसे में इस बार की मौद्रिक पॉलिसी में इस गंभीर संकट से लड़ने का रास्ता आरबीआई को ढूंढना होगा।

2. कच्चे तेल में फिर से उछाल

हाल के दिनों में गिरावट के बाद कच्चे तेल में फिर से उछाल आ गया है। मंगलवार को ब्रेंट क्रूड 0.38 प्रतिशत बढ़कर 73.36 डॉलर प्रति बैरल पर और अमेरिकी क्रूड 0.53 प्रतिशत बढ़कर 69.86 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। आगे इसमें और तेजी की आशंका। कच्चा तेल बढ़ने से भारतीय अर्थव्यवस्था पर बोझ बढ़ेगा। इससे पार पाने के लिए आरबीआई को पहले से योजना बनानी होगी।

3. रुपये में गिरावट को रोकना

डॉलर के मुकाबले रुपया टूटकर दो महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया गिरावट के साथ 75.42 प्रति डॉलर पर पहुंच गया है। कोरोना वायरस के नए स्वरूप को लेकर बढ़ती चिंता के बीच घरेलू शेयर बाजारों में भारी बिकवाली के साथ रुपये की विनिमय दर में गिरावट आई है। आरबीआई को रुपये में गिरावट रोकने के लिए कदम उठाने होंगे।

4. ई-वे बिल जनरेशन को बढ़ाना

नोमुरा की रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर के पहले हफ्ते में बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स में फिर से गिरावट दर्ज किया गया है। वहीं, दूसरी ओर नवंबर महीने में ई-वे बिल जनरेशन बीते पांच महीनों में सबसे कम रहा है। ये कारण अर्थव्यवस्था में सुस्ती के संकेत बता रहा है। कोरोना संक्रमण के बीच अर्थव्यवस्था की रफ्तार बनाए रखना आरबीआई के सामने सबसे बड़ी चुनौती है।

5. विदेशी निवेशकों का भरोसा कायम रखना

भारतीय शेयर बाजार में पिछले एक महीने से गिरावट आ रही है। इसके पीछे मुख्य वजह एफआईआई यानी विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली है। नवंबर महीने में एफपीआई ने 795 मिलियन डॉलर की बिकवाली भारतीय बाजार से की है। ऐसे में भारतीय बाजार पर एफपीआई का भरोसा कायम रखना आरबीआई के समाने बड़ी चुनौती है।

6.क्रिप्टो की चुनौती से मुकाबला

क्रिप्टोकरंसी में छोटे निवेशकों का रुझान और उनके पैसे डूबने का खतरा आरबीआई और केंद्र सरकार को है। केंद्र जल्द ही क्रिप्टो पर विधेयक ला रही है। उसके बाद आरबीआई को क्रिप्टो निवेश में पारदर्शिता लाने पर काम करना होगा। साथ ही अपना डिजिटल मुद्रा भी लॉन्च करना है। ये एक बड़ा चुनौतीपूर्ण काम होने वाला है।

7. तेजी से बढ़ती महंगाई

मौद्रिक पॉलिसी समिति के सामने सबसे पहली चुनौती बढ़ती महंगाई को कम कर विकास की रफ्तार को तेज करना होगा। बीते महीने खाद्य पदार्थों की कीमत में तेजी से उछाल आया है। सरसों तेल, दाल समेत सब्जियों की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं।

8. राजकोषीय घाटा को नियंत्रित करना

राजकोषीय घाटा कर संग्रह कम होने और कोरोना के कारण खर्च बढ़ने से बढ़ा है। ऐसे में आरबीआई के सामने राजकोषीय घाटा को नियंत्रित करना बड़ी चुनौती होगा।

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