मोदी सरकार कर सकती है एक और राहत पैकेज की घोषणा, डिमांड बढ़ाने पर रहेगा फोकस
कोरोना महामारी और लॉकडाउन से सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को जल्द उबारने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक और राहत पैकेज की घोषणा जल्द कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, इस बार के पैकेज में आम आदमी को राहत...

कोरोना महामारी और लॉकडाउन से सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को जल्द उबारने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक और राहत पैकेज की घोषणा जल्द कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, इस बार के पैकेज में आम आदमी को राहत देकर बाजार में मांग पैदा करने की कोशिश होगी।
सूत्रों के अनुसार, मोदी पॉलिसी में बदलाव से लेकर नए इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट शुरू करने जैसे घोषणा कर सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी का नया राहत पैकेज पीएम गरीब कल्याण योजना और आत्मनिर्भर भारत अभियान के बाद की अहम घोषणा साबित हो सकती है। यानी, नए पैकेज में आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत घरेलू इंडस्ट्री को बढ़ावा देने और विदेशों से आयात कम करने का खाका शामिल किया जा सकता है। गौरतलब है कि इससे पहले लाई गई राहत पैकेज में मुख्य रूप से उद्योगों और एसएमई को राहत देने कोशिश की गई थी। हालांकि, पिछले पैकेज से बाजार में मांग पैदा कर नई नौकरियों के अवसर बढ़ाने में उम्मीद के अनुरूप सफलता नहीं मिल पाई है। इसी को ध्यान में रखते हुए नए राहत पैकेज मेंआम आदमी को राहत देने पर जोर दिया जा सकता है। इसकी उम्मीद इसलिए भी है कि लॉकडाउन में ढील के बावजूद बाजार में मांग पैदा नहीं हो रही है। ऐसे में मांग बढ़ाने के लिए सरकार आम आदमी को ध्यान में रखकर पैकेज की घोषणा हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो मांग बढ़ाने में सहूलियत होगी जिससे अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज करने में मदद मिलेगी।
निजीकरण के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों का चयन
सरकार ने निजीकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए 18 रणनीतिक क्षेत्रों की पहचान की है। इसमें बैंकिंग, बीमा, इस्पात, उर्वरक, पेट्रोलियम और रक्षा उपकरण आदि क्षेत्र शामिल हैं। सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने 18 रणनीतिक क्षेत्रों को तीन व्यापक खंडों में विभाजित किया है-खनन और पर्यवेक्षण, विनिर्माण, प्रसंस्करण एवं निर्माण, और सेवा क्षेत्र। खनन और पर्यवेक्षण खंड में कोयला, कच्चा तेल एवं गैस और खनिज और धातु आदि क्षेत्रों में सरकार सीमित उपस्थिति बनाए रखेगी। इसी तरह, विनिर्माण, प्रसंस्करण और निर्माण क्षेत्र में, सरकार जिन क्षेत्रों में सीमित उपस्थिति बनाए रखेगी। सेवा क्षेत्र खंड में चिह्नित क्षेत्र हैं- पावर ट्रांसमिशन, अंतरिक्ष, हवाई अड्डों, बंदरगाहों, राजमार्गों और गोदामों का विकास और संचालन और गैस ट्रांसपोर्टेशन और लॉजिस्टिक, आईटी, बैंकिंग और बीमा से संबंधित सेवाएं।
निवेशकों के पास निवेश का अवसर होगा
सरकारी कंपनियों में विनिवेश प्रक्रिया शुरू करने से निजी निवेशकों को निवेश का बड़ा अवसर मिलेगा। सरकार की योजना के अनुसार, यहां तक कि जिन क्षेत्रों में सरकार अपनी उपस्थिति बनाए रखना चाहती है, उनमें भी एक फर्म में केवल उतनी हिस्सेदारी रखी जाएगी जितनी नियंत्रण बनाए रखने के लिए जरूरी हो। सरकार के सूत्रों ने कहा कि निजी क्षेत्र की भागीदारी निजी पूंजी, प्रौद्योगिकी, इनोवेशन को बढ़ावा देगी और सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन व्यवस्था लागू करेगी।
रोजगार के अवसर बनेंगे
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में लाख करोड़ के फंड के साथ कृषि-इंफ्रा फंड बनाने को मंजूरी दी है। इस फंड से गांवों-गांवों में बेहतर भंडारण, आधुनिक कोल्ड स्टोरेज की चेन तैयार करने में मदद मिलेगी और गांव में रोजगार के अनेक अवसर तैयार होंगे। अगले राहत पैकेज से शहरी क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने की तैयारी होगी। सरकार की तैयारी जल्द से जल्द बेरोजगारी की दर कम कर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लेकर आना है।
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