ई-सिगरेट की बिक्री पर जल्द रोक लगाएगी केंद्र सरकार
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने के बारे में जल्द फैसला लेगा। सरकार इसे सिगरेट और तंबाकू उत्पादों की तरह एक नई समस्या के रूप में देख रही है। केंद्रीय...
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने के बारे में जल्द फैसला लेगा। सरकार इसे सिगरेट और तंबाकू उत्पादों की तरह एक नई समस्या के रूप में देख रही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इस मुद्दे पर गठित विशेषज्ञों की समिति ने ई-सिगरेट को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने की सिफारिश की है, जिस पर सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है। मंत्रालय को सिर्फ यह निर्णय लेना है कि इसे किस कानून के तहत प्रतिबंधित किया जाए।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, इसे ड्रग एवं कास्मेटिक्स एक्ट के तहत भी प्रतिबंधित किया जा सकता है, क्योंकि इसमें निकोटिन की मात्रा दो मिलीग्राम से ज्यादा होती है। जबकि, यह कानून दो मिलीग्राम से ज्यादा निकोटिन की अनुमति नहीं देता है। दूसरे, निकोटिन को प्वाइजन एक्ट के तहत भी प्रतिबंधित किया जा सकता है। मंत्रालय इन दोनों विकल्पों पर कानूनी मशविरा ले रहा है। वैसे, इसे इंसेक्टिसासड एक्ट और एनवायरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट के तहत भी खतरनाक माना गया है।
कंपनियां लॉबिंग में जुटीं
ई-सिगरेट को बनाने और बेचने वाली कंपनियां इसे तंबाकू निषेध कानून के तहत विनियमित किए जाने के लिए लॉबिंग कर रही हैं। कंपनियों की कोशिश यह है कि इसे तंबाकू निषेध कानून के तहत शामिल कर लिया जाए ताकि ब्र्रिकी प्रतिबंधित नहीं हो बल्कि विनियमित हो जाए।
कई राज्यों में रोक पहले से
कुछ राज्यों में इसे प्रतिबंधित किया जा चुका है। इनमें पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, केरल, मिजोरम, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर शामिल हैं। यह रोक प्वाइज एक्ट और ड्रग एवं कास्मेटिक्स एक्ट के तहत लगाई है।
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