LPG पर सब्सिडी कोविड-काल में शून्य हो गई, उर्वरकों पर 29.6 फीसद कम दी गई
कोविड-19 महामारी के बीच पिछले साल अप्रैल से नवंबर के दौरान पेट्रोलियम पर दी गई सब्सिडी में 32 फीसद की कमी आई है। संसद में शुक्रवार को पेश आर्थिक सवेर्क्षण में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2020-21...
कोविड-19 महामारी के बीच पिछले साल अप्रैल से नवंबर के दौरान पेट्रोलियम पर दी गई सब्सिडी में 32 फीसद की कमी आई है। संसद में शुक्रवार को पेश आर्थिक सवेर्क्षण में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2020-21 के पहले आठ महीने में यानी अप्रैल से नवंबर के बीच सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों पर कुल 20 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है। यह इसी अवधि में 2019-20 के दौरान दी गई करीब 30 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी के मुकाबले 32 फीसद कम है।
कई बड़े शहरों में रसोई गैस पर सब्सिडी शून्य
पेट्रोल और डीजल का मूल्य पूरी तरह बाजार आधारित करने के बाद सरकार पेट्रोलियम पदार्थों में से अब सिर्फ घरेलू रसोई गैस और जनवितरण प्रणाली के तहत दिए जाने वाले मिट्टी के तेल पर सब्सिडी देती है। इसमें सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलिंडर के दाम पिछले कुछ समय में बढ़ाकर सब्सिडी बेहद कम कर दी गई है। सब्सिडी और बिना सब्सिडी वाले सिलिंडर का मूल्य बराबर होने के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत कई बड़े शहरों में रसोई गैस पर सब्सिडी शून्य हो गई है। सब्सिडी का बोझ कम होने के पीछे यह भी एक बड़ा कारण है।
उर्वरकों पर दी गई सब्सिडी 29.6 फीसद घटी
वित्त वर्ष 2020-21 के बजट अनुमान में पेट्रोलियम पदार्थों पर 41 हजार करोड़ रुपये सब्सिडी देने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन पहले आठ महीने में इसका आधा भी खर्च नहीं हुआ है। इस दौरान अन्य बड़ी सब्सिडियों में भी कमी आई है। खाद्य सब्सिडी में 12 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। अप्रैल 2019 से नवंबर 2019 के दौरान इस मद में 1.32 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई थी जबकि अप्रैल-नवंबर 2020 के दौरान 1.16 लाख करोड़ रुपये की खाद्य सब्सिडी दी गई। समान अवधि में विशिषट पोषक तत्त्वों वाले उर्वरकों पर दी गई सब्सिडी 22 हजार करोड़ रुपये से 29.6 फीसद घटकर 16 हजार करोड़ रुपये रह गई। यूरिया सब्सिडी भी 51 हजार करोड़ रुपये से 1.8 फीसद घटकर 50 हजार करोड़ रुपये रह गई।
बजट 2024 जानेंHindi News , Business News की लेटेस्ट खबरें, इनकम टैक्स स्लैब Share Market के लेटेस्ट अपडेट्स Investment Tips के बारे में सबकुछ।