सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अधिकारियों को तीन महीने के भीतर एक संयुक्त बैठक बुलाने के लिए कहा ताकि यह तय किया जा सके कि 31 अगस्त तक छह महीने की अवधि के दौरान ईएमआई पर ब्याज बैंकों द्वारा वसूला जा सकता है या नहीं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार तक सुनवाई को स्थगित कर दिया।
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लॉकडाउन के दौरान लोन की ईएमआई में मिली मोहलत के दौरान इस पर ब्याज लगाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से सवाल किया कि क्या ब्याज पर भी मोहलत दी जा सकती है? कोर्ट ने वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों से तीन दिन के अंदर बैठक कर ये तय करने को कहा है कि क्या 31 अगस्त तक ईएमआई पर दी गई मोहलत के साथ ब्याज पर भी मोहलत दी जा सकती है?
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इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि वो ब्याज माफ करने के लिए नहीं बल्कि टालने की बात कर रहा है। वित्त मंत्रालय और RBI को आपस में बैठक करने को लेकर कोर्ट ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता दोनों की बैठक का इंतजाम करें। मामले में अगली सुनवाई 17 जून को होनी है। बता दें पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि आर्थिक पहलू लोगों के स्वास्थ्य से बढ़कर नहीं है। ये सामान्य समय नहीं हैं। एक ओर ईएमआई पर मोहलत दी जा रही है, लेकिन ब्याज में कुछ भी नहीं। यह ज्यादा नुकसान वाली बात है।