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NPS Scheme खरीदते वक्त रखें इन बातों का ध्यान, अधिक पेंशन के साथ पाएंगे एकमुश्त मोटी रकम 

नेशनल पेंशन सिस्टम या NPS स्कीम एक कम खर्चीला रिटायरमेंट प्लान है। यह एक सिंगल इन्वेस्टमेंट के जरिए NPS सब्सक्राइब पर इक्विटी और डेट दोनों की सुविधा देता है। इस स्कीम का फायदा यह भी है कि यह...

Tarun Singh लाइव मिंट, नई दिल्ली Wed, 28 July 2021 04:55 PM
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नेशनल पेंशन सिस्टम या NPS स्कीम एक कम खर्चीला रिटायरमेंट प्लान है। यह एक सिंगल इन्वेस्टमेंट के जरिए NPS सब्सक्राइब पर इक्विटी और डेट दोनों की सुविधा देता है। इस स्कीम का फायदा यह भी है कि यह रिटायरमेंट के वक्त एक मुश्त पैसे के साथ-साथ मासिक पेंशन का भुगतान भी करता है। कई बार देखा जाता है कि एनपीएस सब्सक्राइबर इनवेस्टमेंट के वक्त कई ऐसी गलती कर बैठते हैं जो कि उनके मासिक पेंशन पर बुरा असर डालती है। टैक्स और इनवेस्टमेंट एक्सपर्ट बताते हैं कि निवेशक को यह समझना होगा कि ऑटो इनवेस्टर और एक्टिव इन्वेस्टमेंट का अलग-अलग असर पड़ता है। अगर निवेशक ने 50% से अधिक एक्सपोजर इक्विटी में सिलेक्ट किया है तो उन्हें फंड मैनेजर सिलेक्ट करते वक्त कुछ गलतियां करने से बचना होगा। 

एक्टिव और ऑटो मोड में अंतर 

इनवेस्टमेंट एक्सपर्ट और goodmoneying.com के फाउंडर मनिकरण सिंघल कहते हैं, 'NPS अकाउंट खोलते वक्त निवेशक को ऑटो या एक्टिव मोड में से किसी एक को सिलेक्ट करने के लिए कहा जाता है। अगर निवेशक खतरा उठा सकता है और उसने 50% से अधिक का एक्सपोजर इक्विटी में सिलेक्ट किया है तो जरूरी है कि एक्टिव मोड सिलेक्ट करे। यह पहली सवधानी रखनी होती है अकाउंट खोलते वक्त।' 

NPS अकाउंट खोलते वक्त फंड मैनेजल कैसे चुनें 

NPS निवेशकों को फंड मैनेजर चयन करते वक्त सावधानी रखनी चाहिए। टैक्स और इनवेस्टमेंट एक्सपर्ट जितेन्द्र सोलंकी बताते हैं, 'एक्टिव और ऑटो मोड के चयन के बाद जरूरी है कि निवेशक फंड मैनेजर के चयन के वक्त सावधानी दिखाए। अगर निवेशक ने इक्विटी एक्सपोजर 50 से अधिक चुना है तब उन्हें ऐसे फंड मैनेजर चुनने की सलाह दी है जिसका प्रदर्शन इक्विटी फंड में बेहतर है। ठीक यही बात Debt पर भी लागू होती है।'

फंड मैनेजर का मूल्यांकन कैसे करें 

इस पर जितेन्द्र सोलंकी कहते हैं, 'कोई भी फंड मैनेजर के प्रदर्शन शार्प रेशियो और रिटर्न के आधार पर चेक कर सकता है। शार्प रेशियो जहां रिस्क के तुलना में रिटर्न दर्शाता है वहीं, रोलिंग रिटर्न के जरिए फंड मैनेजर के द्वारा रेगलुर रिटर्न का पिक्चर क्लियर करता है।' 

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