जियो और व्हाट्सएप मिलकर 3 करोड़ छोटे किराना दुकानदारों को जोड़ेंगे, अमेजन और फ्लिपकार्ट को मिलेगी टक्कर
फेसबुक जियो में 5.7 बिलियन डॉलर (43,574 करोड़ रुपये) का निवेश का ऐलान किया है। फेसबुक रिलायंस जियो की 9.99 फीसदी हिस्सेदारी लेकर 3 करोड़ छोटे किराना दुकानदारों को जियोमार्ट प्लेटफॉर्म से जोड़ेगी...
फेसबुक जियो में 5.7 बिलियन डॉलर (43,574 करोड़ रुपये) का निवेश का ऐलान किया है। फेसबुक रिलायंस जियो की 9.99 फीसदी हिस्सेदारी लेकर 3 करोड़ छोटे किराना दुकानदारों को जियोमार्ट प्लेटफॉर्म से जोड़ेगी और इसका जरिया बनेगा व्हाट्सएप। यह रिलायंस रिटेल के नए कॉमर्स बिजनेस को तेजी से बढ़ाएगा। जियोमार्ट प्लेटफॉर्म (JioMart platform) पर रिटेल कारोबार बढ़ाने के लिए डील होगी। इससे WhatsApp पर छोटे कारोबारियों को सपोर्ट मिलेगा। जियो प्लेटफार्म्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो तमाम प्रकार की डिजिटल सेवाएं प्रदान करती है। इसके ग्राहकों की संख्या 38.8 करोड़ से अधिक है। JioMart के जरिए रिलायंस रिटेल अमेजन और फ्लिपकार्ट की टक्कर का प्रॉडक्ट तैयार कर रही है।
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रिलायंस के मुताबिक छोटे किराना कारोबारियों को JioMart के साथ पार्टनरशिप का मिलेगा फायदा मिलेगा। बता दें भारत में टेक्नॉलजी सेक्टर में यह एफडीआई (FDI) के तहत अबतक का सबसे बड़ा निवेश है। फेसबुक और WhattsApp का इस्तेमाल भारत के बड़े हिस्से में किया जाता है। साथ ही, भारत इस समय एक बड़े डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के दौर में है और Jio इस समय करोड़ों भारतीय और छोटे बिजनेसमैन के लिए कारोबार आसान करने में मदद कर रहा है।
जियो प्लेटफार्म्स, रिलायंस रिटेल लिमिटेड और व्हाट्सएप के बीच डील
आरआईएल ने कहा कि इस निवेश के साथ जियो प्लेटफार्म्स, रिलायंस रिटेल लिमिटेड और व्हाट्सएप के बीच भी एक वाणिज्यिक साझेदारी समझौता हुआ है। इसके तहत व्हाट्सएप के इस्तेमाल से जियोमार्ट प्लेटफार्म पर रिलायंस रिटेल के नए वाणिज्यिक कारोबार को बढ़ावा मिलेगा और व्हाट्सऐप पर छोटे कारोबारियों को सहायता दी जाएगी।जियोमार्ट ग्राहकों तक पहुंचने में पारंपरिक दुकानदारों और किराना स्टोर की मदद करता है। आरआईएल ने कहा कि इस सौदे के लिए अभी नियामक और अन्य मंजूरियां मिलनी बाकी हैं। इस सौदे के लिए मॉर्गन स्टेनली ने एक वित्तीय सलाहकार के रूप में और एजेडबी एंड पार्टनर्स और डेविस पोल्क एंड वार्डवेल ने कानूनी सलाहकार के रूप में अपनी सेवाएं दीं।
इस डील के बाद मार्क जुकरबर्ग कहते हैं कि यह विशेष रूप से अभी महत्वपूर्ण है, क्योंकि छोटे व्यवसाय हर अर्थव्यवस्था के लिए अहम होते हैं और उन्हें उन्हें मदद की आवश्यकता होती है। भारत में 6 करोड़ से अधिक छोटे व्यवसाय हैं और लाखों लोग नौकरियों के लिए उन पर निर्भर हैं।
इस डील के पीछे की बड़ी वजह
आरआईएल द्वारा अपने कर्ज को कम करने के प्रयासों के तहत फेसबुक के साथ यह सौदा किया गया है। इसके लिए आरआईएल अपने व्यवसायों में रणनीतिक भागीदारी की तलाश कर रही है। समूह अपने तेल-रसायन कारोबार में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए सऊदी अरामको के साथ बातचीत भी कर रही है। समूह ने अगले साल तक कर्ज मुक्त होने का लक्ष्य तय किया है। जियो में हिस्सेदारी के लिए कथित तौर पर गूगल से भी बातचीत की जा रही थी, लेकिन उन बातचीत के नतीजे के बारे में जानकारी फिलहाल नहीं है। ताजा सौदा जियो और फेसबुक दोनों के लिए फायदेमंद है क्योंकि चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट बाजार है।
(इनपुट: भाषा)
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