जेट एयरवेज दिवाला मामला: 20 जून से शुरू होगी कार्यवाही, पायलट और इंजीनियरों के यूनियन बनना चाहते हैं पक्ष
जेट एयरवेज की पायलट और इंजीनियरों से जुड़ी यूनियनों और कंपनी को लॉजिस्टिक सेवा प्रदान करने वाली डेनमार्क की दो कंपनियों ने बुधवार को एनसीएलटी का रुख किया। इन्होंने एयरलाइन के खिलाफ चलने वाले दिवाला...
जेट एयरवेज की पायलट और इंजीनियरों से जुड़ी यूनियनों और कंपनी को लॉजिस्टिक सेवा प्रदान करने वाली डेनमार्क की दो कंपनियों ने बुधवार को एनसीएलटी का रुख किया। इन्होंने एयरलाइन के खिलाफ चलने वाले दिवाला मामले में उन्हें भी पक्ष बनाने का आग्रह किया है।
स्टेट बैंक की अगुवाई में 26 बैंकों के समूह ने मंगलवार को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ के समक्ष जेट के खिलाफ दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता कानून के तहत मामला दर्ज कराया। इसके जरिए बैंक समूह की कोशिश अपने 8,500 करोड़ रुपये वसूलने की है।
पायलट एवं इंजीनियरों की यूनियनें चाहती हैं कि उन्हें इस मामले में पक्ष बनाया जाए। इसके अलावा दो डच कंपनियों ने एनसीएलटी से आग्रह किया है कि उन्हें हस्तक्षेप याचिका दायर करने की अनुमति दी जाए। एनसीएलटी ने मामले को बृहस्पतिवार तक स्थगित कर दिया। वह हस्तक्षेप याचिकाओं पर भी सुनवाई करेगा।
जेट एयरवेज के शेयर में गिरावट का सिलसिला जारी, 18.5 फीसद और टूटा
वहीं दूसरी ओर, जेट एयरवेज के शेयरों में गिरावट का सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा। कंपनी का शेयर बुधवार को 18.5 प्रतिशत और नीचे आ गया। बैंकों के समूह द्वारा कंपनी को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण में ले जाने से जेट एयरवेज का शेयर टूटा है।
बीएसई में कंपनी का शेयर 18.17 प्रतिशत की गिरावट के साथ 33.10 रुपये पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 28.18 प्रतिशत टूटकर अब तक के न्यूनतम स्तर 29.05 रुपये तक आ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में एयरलाइन का शेयर 18.51 प्रतिशत टूटकर 33 रुपये पर आ गया।
यह लगातार 13वां कारोबारी दिवस है जब जेट एयरवेज का शेयर नीचे आया है। इस दौरान इसमें 78 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है। भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाला 26 बैंकों का समूह 8,500 करोड़ रुपये बकाये की वसूली के लिये एयरलाइन को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण में ले गया है।