लोन के लिए आईटीआर देने की व्यवस्था हो सकती है खत्म
देश में लोगों के लिए नियमों का पालन करना आसान बनाने की कड़ी में अगले चरण में कर्ज लेते समय जरूरी आयकर रिटर्न जैसे कागजात देने से मुक्ति मिल सकती है। हिन्दुस्तान को सूत्रों के जरिए मिली जानकारी के...
देश में लोगों के लिए नियमों का पालन करना आसान बनाने की कड़ी में अगले चरण में कर्ज लेते समय जरूरी आयकर रिटर्न जैसे कागजात देने से मुक्ति मिल सकती है। हिन्दुस्तान को सूत्रों के जरिए मिली जानकारी के मुताबिक अगले वित्तवर्ष से इस पर काम शुरू किया जा सकता है। मामले से जुड़े आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक मौजूदा समय में डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम के तहत लेन देन से जुड़े तमाम आंकड़े आयकर विभाग के पास आ जाते हैं। अब इन्हीं चीजों को बैंकों से साझा करने का सिस्टम बनाने पर विचार किया जा रहा है।
मौजूदा समय में आयकर विभाग, बैंकों से ऐसी कोई भी जानकारी सामान्य तौर पर साझा नहीं करता है। न ही ऐसा कोई सिस्टम बना है, जिसके जरिए बैंक आयकर विभाग की चीजों को देख पाएं। जिस नई व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है, उससे सिर्फ पैन कार्ड के जरिए किसी भी व्यक्ति के आयकर रिटर्न या फिर फॉर्म 16 को बैंक उसे कर्ज देने की प्रक्रिया के दौरान अपने आप देख लिया करेंगे। इससे लोगों के लिए उसे जमा करने संबंधी झंझट से मुक्ति मिल जाएगी।
अभी ये है व्यवस्था
फिलहाल केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की तरफ से लोगों को फॉर्म 26 एएस दिया जाता है। इसमें अलग अलग जगहों से हुई कमाई और उस पर मिले ब्याज की जानकारी होती है। इसी फॉर्म को देखकर और जरूरी हुआ को कोई बदलाव करके आयकर रिटर्न दाखिल हो जाता है। बैंकों को उसी रिटर्न की पिछले 3 साल की जानकारी चाहिए होती है।
सूत्रों के मुताबिक मौजूदा वित्तवर्ष में पहले से भरे आयकर रिटर्न से जुड़े फॉर्म की सफलता की समीक्षा के बाद अगले वित्तवर्ष में इस नई व्यवस्था पर काम शुरू किया जा सकता है। शुरुआती दौर में ये व्यवस्था सिर्फ चुनिंदा और बड़े सरकारी बैंकों के लिए रखी जाएगी बाद में समीक्षा करके सभी बैंकों के लिए इसे खोला जा सकता है।
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