Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Interesting Fact of budget Do you know who presented the budget most often

रोचक तथ्य: क्या आप जानते हैं सबसे अधिक बार बजट किसने पेश किया ?

भारत का पहला बजट 15 अगस्त 1947 को आजाद होने के तीन महीने के भीतर पेश किया गया था। बता दें, 26 नवंबर 1947 को आरके शनमुखम शेट्टी ने आजाद भारत का पहला बजट पेश किया था। यह पूर्ण बजट नहीं था, लेकिन उसे...

Drigraj Madheshia लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 22 Jan 2020 12:02 PM
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भारत का पहला बजट 15 अगस्त 1947 को आजाद होने के तीन महीने के भीतर पेश किया गया था। बता दें, 26 नवंबर 1947 को आरके शनमुखम शेट्टी ने आजाद भारत का पहला बजट पेश किया था। यह पूर्ण बजट नहीं था, लेकिन उसे अर्थव्यवस्था की समीक्षा जरूर कहा जा सकता था। इस पहले बजट में कर से जुड़ा कोई भी प्रस्ताव पेश नहीं किया गया था। ऐसा इसलिए भी हुआ क्योंकि 1948-49 का बजट सिर्फ 95 दिन दूर था। 

सबसे ज्यादा बार बजट मोरारजी देसाई ने पेश किया था

अब तक सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने वाले मंत्रियों में मोरारजी देसाई का नाम शामिल है। मोरारजी देसाई ने 1959 में भारत के वित्त मंत्री बने थे। उन्होंने 10 बार बजट पेश किया था। इन बजट में 8 पूर्ण बजट और दो अंतरिम बजट शामिल हैं। 

दूसरे नंबर हैं पी चिदंबरम

मोरारजी देसाई के बाद पी चिदंबरम ऐसे नेता रहे हैं जिन्होंने 8 बार बजट पेश किया है। प्रणब मुखर्जी, यशवंत सिन्हा, वाईबी चौहान और सीडी देशमुख ने सात बार बजट पेश किया था। बहरहाल, मोरार जी देसाई पूरी दुनिया में अपनी अनोखी लाइफ स्टाइल को लेकर चर्चा में थे। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, यशवंत सिन्हा और अरुण जेटली ही ऐसे नेता रहे हैं, जिन्होंने लगातार पांच बार बजट पेश किया हो। 

भारत में पेश हो चुका है काला बजट

1973-74 में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंतराव बी चव्हाण द्वारा पेश किए गए बजट को काला बजट की संज्ञा दी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि उस बजट में 550 करोड़ से ज्यादा का घाटा था। 

बजट पेश करने वाली दूसरी महिला मंत्री हैं निर्मला सीतारमण

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दूसरी महिला वित्त मंत्री हैं, जिन्होंने भारत का बजट पेश किया। इससे पहले इंदिरा गांधी ने साल 1970-71 में बजट पेश किया था।  

1955 तक सिर्फ अंग्रेजी में ही पेश होता था बजट 

साल 1955 तक भारत का पूर्ण बजट सिर्फ अंग्रेजी भाषा में ही पेश होता था, लेकिन वित्त वर्ष 1955-56 से बजट अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषा में छापा गया था। 

92 साल तक पूर्ण बजट में शामिल नहीं होता था रेल बजट 

साल 2017 तक रेल बजट को पूर्ण बजट में शामिल नहीं किया जाता था। 92 साल तक रेल बजट अलग से पेश किया जाता था, जो बाद में पूर्ण बजट के साथ ही पेश होने लगा।

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