क्या चुनाव से पहले ब्याज दरें होंगी कम? आज महंगाई दर के आंकड़ें करेंगे तय
आज फरवरी महीने की महंगाई दर और जनवरी के इंडस्ट्रियल आउटपुट (IIP) के आंकड़ें आने हैं। ये आंकड़े फैसला करेंगे कि अगले महीने रिजर्व बैंक (RBI) की मीटिंग में ब्याज दरें कम होगी या नहीं? 11 अप्रैल से शुरू...
आज फरवरी महीने की महंगाई दर और जनवरी के इंडस्ट्रियल आउटपुट (IIP) के आंकड़ें आने हैं। ये आंकड़े फैसला करेंगे कि अगले महीने रिजर्व बैंक (RBI) की मीटिंग में ब्याज दरें कम होगी या नहीं? 11 अप्रैल से शुरू होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले आरबीआई की मीटिंग 5 अप्रैल को होनी है जिसमें वह रेपो रेट पर चर्चा करेगा। इसमें उम्मीद की जा रही है कि आरबीआई दूसरी बार ब्याज दरों में कमी कर सकता है।
नीतिगत मामलों की कमेटी (एमपीसी) ने 7 फरवरी को रेपो रेट में 25 बेसिस प्वांइट की कमी की थी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास भी पहले कह चुके हैं कि आने वाले महीनों में मंहगाई दर में कम रहने से इकोनॉमी की परेशानियों के लिए सही कदम उठा पाना आसान होगा।
खुदरा महंगाई दर नीचे रहने से आरबीआई को ब्याज दर में कटौती का आधार मिलेगा और वह मौद्रिक नीति को सख्त बनाने की बजाय महंगाई को लेकर निश्चिंत रह सकेगा। बीते महीने आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों के साथ बैठक की जिसमें उन्हें रेपो रेट कम करने का फायदा कस्टमर्स तक पहुंचाने के लिए कहा
खुदरा मुद्रास्फीति महंगाई दर 2.05 प्रतिशत पर आ गई। दिसंबर के मुकाबले जनवरी महीने में रिटेल महंगाई दर में भी कमी आई। जनवरी महीने में महंगाई दर 2.05 फीसदी रही जो दिसंबर 2018 में 2.11 फीसदी थी। जनवरी महीने में थोक मुद्रास्फीति दर (WPI) 10 महीने के सबसे न्यूनम स्तर पर पहुंच गई थी। दिसंबर 2018 की तुलना में जनवरी में महंगाई दर 2.76 फीसदी रही। आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में रसोई के सामान जैसे आलू, प्याज, फल और दूध की कीमतों में थोड़ी कमी आई है। इसके अलावा पेट्रोल-डीजल और पावर सेक्शन की कीमतों में भी कमी आई।
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