दुनिया में भारत-अमेरिका के बाजार निवेशकों के लिए सबसे अनुकूल
दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारत और अमेरिका के बाजार निवेशकों के लिए सबसे अनुकूल हैं।वहीं, अस्ट्रेलिया का शेयर बाजार सबसे निचले पायदान पर है। मॉर्निंगस्टार इंडिया की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली...
दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारत और अमेरिका के बाजार निवेशकों के लिए सबसे अनुकूल हैं।वहीं, अस्ट्रेलिया का शेयर बाजार सबसे निचले पायदान पर है। मॉर्निंगस्टार इंडिया की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है।
मॉर्निंगस्टार ने दुनियाभर के शेयर बाजारों का रैंकिंग करने के लिए छह श्रेणियां बनाई थी जिसमें निवेश के ऊपर लगने वाला शुल्क, फंड होल्डिंग्स की पारदर्शिता और हितों के टकराव जैसे मुद्दों को शामिल किया गया। इनमें भारतीय और अमेरिकी बाजार को शीर्ष रैंकिंग प्राप्त हुआ है।
दुनियाभर के बाजारों का अध्ययन
रिपोर्ट में दुनियाभर के 26 शेयर बाजारों का अध्यन किया गया है जिसमें उत्तरी अमेरिका, यूरोप, एशिया और अफ्रीका के बाजार शामिल हैं। इन सभी शेयर बाजार में सबसे खराब रैकिंग अस्ट्रेलिया के शेयर बाजार को रहा। वहीं, अमेरिकी शेयर बाजार शीर्ष पर कायम है जबिक भारतीय बाजार लगातार बेहतर काम करते हुए डिस्क्लोजर फ्रेमवर्क में पहले पायदान पर पहुंच गया है।
इन छह पैमानों पर दी गई रैंकिंग
मॉर्निंगस्टार ने छह मानदंडों के आधार पर 26 शेयर बाजारों का मूल्यांकन औसत से ऊपर, औसत से नीचे और नीचे ग्रेडिंग दिया है। जिन छह मानदंडों के अधार पर मूल्यांकन किया गया है वे हैं संभावनाओं की आसान समझ, शुल्क, पोर्टफोलियो होल्डिंग्स, पोर्टफोलियो मैनेजर और मुआवजा प्रकटीकरण, पहली बार ईएसजी और स्टूवर्डशिप और बिक्री खुलासे।
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जापान-इटली के बाजार औसत से नीचे
रिपोर्ट में बेल्जियम, इटली, जापान, सिंगापुर और स्विट्जरलैंड के बाजार को औसत से नीचे स्थान दिया गया, जबकि कनाडा, कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, स्वीडन, ताइवान और थाईलैंड के बाजार को औसत से ऊपर स्थान दिया गया है।
भारतीय बाजार पर बढ़ा निवेशकों का भरोसा
भारतीय बाजार का आकर्षक मूल्यांकन, पारदर्शिता और तरलता ने विदेशी निवेशकों को कोरोना के बीच भी खूब आकर्षित किया है। इस साल यानी 2020 में भारतीय शेयर बाजारों में विदेशी निवेशकों ने 1.4 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड निवेश किया है। यह उनके निवेश का सर्वकालिक उच्चस्तर है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत एक निवेश गंतव्य है, जो हर हाल में एक पसंदीदा गंतव्य बनता जा रहा है। इसका कारण सिर्फ यह नहीं है कि भारत अच्छा है, बल्कि इसका कारण यह है कि अन्य जगहें इससे बदतर हैं।
उभरते बाजारों में बेहतर प्रदर्शन
भारतीय बाजारों को उभरते बाजारों में रखा गया है, जिनमें दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, ताइवान, कोरिया और अन्य कई देश हैं। कोरोना संकट आने के बाद दुनियाभर के बाजारों में बड़ी गिरावट आई थी। भारतीय बाजार भी अछूता नहीं रहा था लेकिन उसके बाद से भारतीय बाजार ने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है। इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। वैश्विक शेयर बाजारों का आकार लगभग 810 खरब (81 ट्रिलियन) डॉलर है और इसमें भारतीय बाजारों की हिस्सेदारी लगभग 20 खरब डॉलर है। इस तरह वैश्विक स्तर पर भारतीय शेयर बाजारों की हिस्सेदारी लगभग 2 से 2.5 फीसदी है, जबकि अमेरिका की हिस्सेदारी 54 फीसदी, जापान की आठ फीसदी और ब्रिटेन की हिस्सेदारी छह फीसदी है। यानी भारत उसका एक छोटा-सा हिस्सा है। इसके बावजूद निवेशक भारतीय बाजार की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं।
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