ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News BusinessIndia Pledges Easy Access to Land for Factories Leaving China

चीन छोड़ने जा रही कंपनियों के लिए भारत तैयार, फैक्ट्रियों के लिए 4 लाख 61 हजार हेक्टेयर जमीन देगी मोदी सरकार

कोरोना वायरस महामारी की जन्मस्थली चीन को छोड़ने जा रही कंपनियों के लिए भारत ने बाहें फैला दी हैं। भारत ने इन कंपनियों आसानी से जमीन मुहैया कराकर मौके को लपकने को तैयार है। इसके लिए भारत ने एक लैंडपूल...

चीन छोड़ने जा रही कंपनियों के लिए भारत तैयार, फैक्ट्रियों के लिए 4 लाख 61 हजार हेक्टेयर जमीन देगी मोदी सरकार
Sudhirब्लूमबर्ग,नई दिल्लीTue, 05 May 2020 08:39 PM
ऐप पर पढ़ें

कोरोना वायरस महामारी की जन्मस्थली चीन को छोड़ने जा रही कंपनियों के लिए भारत ने बाहें फैला दी हैं। भारत ने इन कंपनियों आसानी से जमीन मुहैया कराकर मौके को लपकने को तैयार है। इसके लिए भारत ने एक लैंडपूल तैयार किया है जो आकार में यूरोपीय देश लक्जमबर्ग से दोगुना और देश की राजधानी दिल्ली से तीन गुना बड़ा होगा। इस मामले से जुड़े लोगों ने ब्लूमबर्ग को यह जानकारी दी है। 

पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर इस मामले से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि देशभर में 4 लाख 61 हजार 589 हेक्टेयर जमीन की पहचान की गई है। इनमें से 1 लाख 15 हजार 131 हेक्टेयर जमीन गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में मौजूद औद्योगिक भूमि है।

यह भी पढ़ें: नितिन गडकरी ने कहा, जल्द एक और वित्तीय पैकेज के घोषणा की है उम्मीद
 
भारत में निवेश की इच्छूक कंपनियों के लिए जमीन एक बड़ी बाधा रही है। पोस्को से सउदी आरामको तक भूमि अधिग्रहण में देरी से झुंझला गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर इसे बदलने की कोशिश में जुटी है, क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण के फैलाव के बाद सप्लाई में बाधा की वजह से मैन्युफैक्चरिंग बेस के रूप में निवेशकों का भरोसा चीन हटा है।

अभी भारत में फैक्ट्री लगाने को इच्छुक कंपनियों को खुद ही भूमि अधिग्रहण करना पड़ रहा है। कई बार इस प्रक्रिया में काफी समय लग जाता है क्योंकि कई छोटे प्लॉट ऑनर्स से भी मोलभाव करना पड़ता है। 

यह भी पढ़ें: अर्थव्यवस्था खोलने पर राहुल की सलाह, सप्लाई चेन पर सोचे मोदी सरकार

बार्कलेज बैंक पीएलसी के वरिष्ठ अर्थशास्त्री राहुल बाजोरिया ने कहा, ''पारदर्शी और तीव्र भूमि अधिग्रहण एफडीआई बढ़ाने वाले कारकों में से एक है। यह कारोबार सुगमता का एक आयाम है और इसलिए आसानी से भूमि उपलब्ध कराने के लिए अधिक व्यापक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।''  
 
जमीन, ऊर्जा, पानी और रोड कनेक्टिविटी के जरिए सरकार नए निवेशकों को आकर्षित करके अर्थव्यवस्था में जान फूंक सकती है, जो कोरोना वायरस से पहले ही काफी सुस्त हो चुकी थी और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से अब दुर्लभ संकुचन शुरू हो गया है। सरकार इलेक्ट्रिकल, फार्माशुटिकल्स, मेडिकल डिवाइस, इलेक्ट्रॉनिक्स, हैवी इंजीनियरिंग, सोलर इक्विपमेंट, फूड प्रोसेसिंग, केमिकल्स और टेक्सटाइल्स से जुड़े मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को प्रमुखता देगी।  

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें