Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़India decreases manufacturing activity for fourth consecutive month in July

भारत में जुलाई में लगातार चौथे माह विनिर्माण गतिविधियों में कमी

मांग कमजोर बने रहने से देश में जुलाई के दौरान विनिर्माण गतिविधियों में संकुचन कुछ और बढ़ा है। लंबे लॉकडाउन के बाद मांग कमजोर रहने से कल कारखानों ने अपने कर्मचारियों की संख्या में तो कमी की ही है खरीद...

Drigraj Madheshia एजेंसी, नई दिल्लीMon, 3 Aug 2020 12:52 PM
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मांग कमजोर बने रहने से देश में जुलाई के दौरान विनिर्माण गतिविधियों में संकुचन कुछ और बढ़ा है। लंबे लॉकडाउन के बाद मांग कमजोर रहने से कल कारखानों ने अपने कर्मचारियों की संख्या में तो कमी की ही है खरीद गतिविधियां भी कम हुई हैं। एक मासिक सर्वेक्षण में सोमवार को यह कहा गया।  आईएचएस मार्किट के भारत विनिर्माण खरीद प्रबंधकों का सूचकांक (पीएमआई) जुलाई में 46 अंक पर रहा। जून में यह 47.2 पर था।   भारतीय विनिर्माण क्षेत्र के मामले में यह लगातार चौथा माह रहा है जब इसमें कमी दर्ज की गई। 

पीएमआई विनिर्माण खरीद प्रबंधकों का सूचकांक लगातार 32 माह वृद्धि में रहने के बाद अप्रैल माह में संकुचन में आ गया। पीएमआई के 50 से ऊपर रहना गतिविधियों में वृद्धि को दर्शाता है जबकि इससे नीचे रहनो इसमें दबाव अथवा संकुचन को दर्शाता है।  आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री एलियॉट केर ने कहा, ''भारतीय विनिर्माताओं से प्राप्त ताजा पीएमआई के आंकड़े कोविड- 19 महामारी से अधिक प्रभावित देशों में शामिल देश की आर्थिक स्थिति पर अधिक प्रकाश डालते हैं।

काम के लिए अभी जद्दोजहद में कंपनियां

केर ने कहा कि सर्वेक्षण के परिणाम दिखाते हैं कि कारखानों में उत्पादन और नए आर्डर मिलने के महत्वपूर्ण सूचकांक में गिरावट फिर से बढ़ी है। इससे पिछले दो माह के दौरान जो स्थिरीकरण का रुझान दिख रहा था, वह कमजोर पड़ गया।  उन्होंने कहा कि प्राप्त संकेत यह बताते हैं कि कंपनियां काम के लिए अभी जद्दोजहद में हैं। क्योंकि उनके कुछ खरीदार अभी भी लॉकडाउन में हैं। इससे पता चलता है कि जब तक संक्रमण दर कम नहीं होती है और प्रतिबंध नहीं हटते हैं गतिविधयों के जोर पकड़ने की संभावना नहीं है। 

लॉकडाउन बढ़ने से कुछ व्यवसाय अभी भी बंद

सर्वेक्षण बताता है कि जून के मुकाबले जुलाई में संकुचन कुछ तेज हुआ है, क्योंकि मांग की स्थिति अभी भी कमजोर है। कई राज्यों में लॉकडाउन बढ़ने से कुछ व्यवसाय अभी भी बंद पड़े हैं। निर्यात आर्डर में भी गिरावट देखी गई है। सर्वेक्षण में भाग लेने वालों का कहना है कि उनके अंतरराष्ट्रीय खरीदार आर्डर देने में हिचकिचा रहे हैं क्योंकि महामारी को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है।   कमजोर मांग की स्थिति के चलते भारतीय विनिर्माताओं ने जुलाई में कर्मचारियों की संख्या में कटौती को जारी रखा है। हालांकि, सर्वेक्षण में कोविड- 19 के जारी नकारात्मक प्रभाव के बावजूद लगातार दूसरे माह भविष्य की गतिविधियों को लेकर धारणा में सुधार देखा गया।

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