Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़India Crude Oil Import dependence jumps to 84 per cent

देश की कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता बढ़कर 84 फीसद हुई, खर्च हुए 111.9 अरब डॉलर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेशक देश की कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता को 10 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन अपनी ऊर्जा जरूरत के लिए भारत की विदेशी कच्चे तेल पर निर्भरता बढ़ी है। ताजा सरकारी...

एजेंसी नई दिल्लीSun, 5 May 2019 01:31 PM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेशक देश की कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता को 10 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन अपनी ऊर्जा जरूरत के लिए भारत की विदेशी कच्चे तेल पर निर्भरता बढ़ी है। ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश की कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता बढ़कर कई साल के उच्चस्तर 84 प्रतिशत पर पहुंच गई है जो कई साल का उच्चतम स्तर है।

मार्च, 2015 में 'ऊर्जा संगम' को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि देश को 2022 यानी अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ तक तेल आयात पर अपनी निर्भरता को दस प्रतिशत कम कर 67 प्रतिशत पर लाने की जरूरत है। 2013-14 में यह 77 प्रतिशत थी। प्रधानमंत्री ने उस समय 2030 तक कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता को घटाकर 50 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा था।

पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के अनुसार उपभोग तेजी से बढ़ने और उत्पादन एक ही स्तर पर टिक रहने की वजह से देश की कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता 2018-19 में बढ़कर 83.7 प्रतिशत हो गई है जो 2017-18 में 82.9 प्रतिशत थी। पीपीएसी के अनुसार 2015-16 में आयात पर निर्भरता 80.6 प्रतिशत थी जो उसके अगले साल बढ़कर 81.7 प्रतिशत हो गई।

देश की कच्चे तेल की खपत 2015-16 में 18.47 करोड़ टन थी, जो 2016-17 में बढ़कर 19.46 करोड़ ओर 2017-18 में 20.62 करोड़ हो गई। वहीं 2018-19 में मांग 2.6 प्रतिशत बढ़कर 21.16 करोड़ टन पर पहुंच गई। इस रुख के उलट घरेलू उत्पादन लगातार घट रहा है। देश का कच्चे तेल का उत्पादन 2015-16 में 3.69 करोड़ टन था जो 2016-17 में घटकर 3.6 करोड़ टन रह गया। इसके बाद के वर्षों में भी गिरावट का रुख कायम रहा। 2017-18 में कच्चे तेल का उत्पादन घटकर 3.57 करोड़ टन रह गया। 2018-19 में यह और घटकर 3.42 करोड़ टन पर आ गया।

पीपीएसी के अनुसार 2018-19 में भारत ने कच्चे तेल के आयात पर 111.9 अरब डॉलर खर्च किए। इससे पिछले वित्त वर्ष में भारत का तेल आयात बिल 87.8 अरब डॉलर और 2015-16 में 64 अरब डॉलर था। चालू वित्त वर्ष में कच्चे तेल का आयात बढ़कर 23.3 करोड़ टन पर पहुंचने का अनुमान है। वहीं तेल आयात बिल भी मामूली बढ़कर 112.7 अरब डॉलर होने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2018-19 में सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी का कच्चा तेल उत्पादन घटकर 1.96 करोड़ टन रह गया, जो 2017-18 में 2.08 करोड़ टन था। 2016-17 में ओएनजीसी का तेल उत्पादन 2.09 करोड़ टन और 2015-16 में 2.11 करोड़ टन था

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