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बेहद खराब स्थिति में पहुंचा भारत-चीन व्यापार, लद्दाख तनाव लम्बा खिंचा तो स्थिति और खराब होगी

कोरोना संकट की वजह से भारत और चीन के बीच व्यापार को बड़ा झटका लग रहा है। दोनों देशो के बीच सीमाओं के जरिए व्यापार प्रभावित हुआ है। नाथुला दर्रे के जरिए व्यापार पर सिक्किम ने पहले ही रोक लगा दी थी।...

बेहद खराब स्थिति में पहुंचा भारत-चीन व्यापार, लद्दाख तनाव लम्बा खिंचा तो स्थिति और खराब होगी
पंकज कुमार पाण्डेय,नई दिल्लीWed, 27 May 2020 03:09 AM
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कोरोना संकट की वजह से भारत और चीन के बीच व्यापार को बड़ा झटका लग रहा है। दोनों देशो के बीच सीमाओं के जरिए व्यापार प्रभावित हुआ है। नाथुला दर्रे के जरिए व्यापार पर सिक्किम ने पहले ही रोक लगा दी थी। उत्तराखंड सीमा से भी व्यापार को लेकर कोई तैयारी फिलहाल नहीं है।

जानकारों का कहना है कि कोविड संकट की वजह से बुरी तरह प्रभावित व्यापार लद्दाख सीमा पर भारत चीन के सैनिकों के बीच तनाव से और भी प्रतिकूल स्थिति में पहुंच सकता है। हालांकि इसका ज्यादा असर चीन पर पड़ेगा। क्योंकि चीन से खफा कई देश भारत मे व्यापार और निवेश बढ़ाने पर लगातार चर्चा कर रहे हैं। अमेरिका इस होड़ में सबसे आगे है।

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नाथुला दर्रे से पहले ही रोक
अप्रैल में सिक्किम के पर्यटन मंत्री बी एस पंत ने एलान कर दिया था कि कोरोना वायरस के कारण इस साल कैलाश मानसरोवर यात्रा और नाथू ला दर्रे के जरिए भारत तथा चीन के बीच सीमा व्यापार नहीं होगा। नाथू ला दर्रे के जरिए सीमा व्यापार मई में, जबकि इस मार्ग से कैलाश मानसरोवर यात्रा जून में शुरू होनी थी। विदेश मंत्रालय दो अलग-अलग मार्गों लिपुलेख दर्रे (उत्तराखंड) और नाथू ला दर्रे (सिक्किम) के जरिए हर साल जून-सितंबर में यात्रा का आयोजन करता है।

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यहां भी संकेत नहीं कोविड संकट के चलते उत्तराखंड से सटी सीमा पर भी व्यापारिक गतिविधि शुरू होने के कोई संकेत नहीं हैं। धारचूला इलाके में जून से होने वाले व्यापार के लिए मई में ही तैयारियां हो जाती हैं। भारत और चीन के आपसी कारोबार को ऊंचाई पर ले जाने के लिए दोनों देशों के बीच तीन बॉर्डर ट्रेडिंग प्वॉइंट बेहद अहम भूमिका में रहे हैं। इनमें नाथू ला पास (सिक्किम), शिप्की ला पास (हिमाचल प्रदेश) और लिपुलेख पास (उत्तराखंड) शामिल हैं।

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सामान्य व्यापार भी प्रभावित, अरबों का नुकसान
सूत्रों ने कहा कि कोविड की वजह से सामान्य व्यापार पर बुरा असर पड़ा है। उड़ानों पर प्रतिबंध की वजह से ही सप्लाई चेन टूट गई थी। जानकारों का कहना है कि अभी व्यापार मे नुकसान का सटीक आकलन मुश्किल है। लेकिन ये नुकसान अरबों में हो सकता है। जानकारों का कहना है कि इतना स्पष्ट है कि ये बहुत ही खराब स्थिति में है। हालांकि कार्गो के जरिए दोनों देशों के बीच व्यापारिक गतिविधि जारी है। सूत्रों ने कहा कार्गो, "समुद्री व्यापार सीमित और जरूरी सामान के लिए जारी है। सबकुछ कोविड संकट की वजह से बहुत ही सीमित हो गया।"

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प्रतिकूल माहौल का असर
जानकारों के मुताबिक कोविड संकट में चीन की भूमिका के चलते बने प्रतिकूल माहौल का असर भी व्यापार पर पड़ा है। इसे सामान्य स्तर तक ले जाना बड़ी चुनौती है। सूत्रों ने कहा चीन के प्रति भरोसा बरकरार होना फिलहाल मुश्किल है। इसलिए कोरोना की वजह से प्रभावित हुआ व्यापार अन्य कई वजहों से ज्यादा प्रतिकूल स्थिति में पहुंचता नजर आ रहा है।

तनाव का भी होगा असर
सूत्रों ने कहा लद्दाख, गालवां घाटी में चीनी सैनिकों का जमावड़ा बना रहा और दोनों देशों के बीच स्थिति सामान्य नहीं हुई, तो इसका भी सीधा असर व्यापार पर पड़ सकता है। उधर कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर विदेश मंत्रालय की ओर से कोई संकेत न मिलने की वजह से इस बार यात्रा को लेकर संशय बना हुआ है। अमूमन यात्रा होनी होती है, तो इसकी काफी पहले से तैयारी होती है और बैठक भी हो जाती है।

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