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Tax Advice : पिता की ओर से पुत्र को दिया गिफ्ट टैक्स फ्री

प्रश्न: मैं सेवामुक्त होने के बाद प्राप्त धनराशि में से अपने पुत्र को एक बड़ी राशि उसकी पारिवारिक आवश्यकताओं के लिए देना चाहता हूं। क्या इसके लिए गिफ्ट डीड रजिस्टर कराना अनिवार्य है? क्या आयकर...

Rakesh Kumar चार्टर्ड एकाउंटेंट के.सी.गोदुका, नई दिल्लीMon, 14 Oct 2019 09:06 AM
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प्रश्न: मैं सेवामुक्त होने के बाद प्राप्त धनराशि में से अपने पुत्र को एक बड़ी राशि उसकी पारिवारिक आवश्यकताओं के लिए देना चाहता हूं। क्या इसके लिए गिफ्ट डीड रजिस्टर कराना अनिवार्य है? क्या आयकर विभाग को इसकी सूचना या टैक्स देना होगा? (प्रेमपाल, लखनऊ)
उत्तर: नकद या चेक द्वारा दिया गए उपहार के लिए साधारणतया गिफ्ट डीड की अनिवार्यता नहीं होती है। इसे एक प्लेन पेपर पर अपना नाम, पता, उपहार प्राप्त कर्ता का नाम, पता, आपस में संबध आदि की जानकारी देते हुए, दो गवाहों के हस्ताक्षर के साथ लिख कर दिया जा सकता है । पिता द्वारा पुत्र को दिया उपहार फिर चाहे वो किसी भी राशि का क्यों ना हो सदैव कर-मुक्त होता है। हां, उपहार प्राप्त कर्ता को इसे अपनी आयकर विवरणी में आवश्य घोषित करना चाहिए। 

प्रश्न: मुझे आयकर विभाग से 4 जुलाई को एक संदेश आया की आपका रिफंड प्रॉसेस किया जा रहा है। उसके बाद दूसरा संदेश आया की आपके खाता का स्टेटस इनेबल होने के कारण आपके खाते में रिफंड जमा नहीं किया जा सका। हमने बैंक डिटेल, पेन, आधार व मोबाइल नंबर आदि सभी कुछ चेक किया और पाया की सब कुछ ठीक है। अब क्या संभावना बनती है। हमें अपना रिफंड कैसे प्राप्त हो सकता है? (गौरव श्रीवास्तव, बरेली)
उत्तर: अब आप आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाकर अपने खाता को लॉग-इन करें। इसके बाद माई अकाउंट को क्लिक करें। माई अकाउंट से सर्विस रिक्वेस्ट तक जाएं। वहां से रिफंड फिर से जारी करने का आवेदन डालें। आवेदन के समय आपसे बैंक की सारी जानकारी फिर से मांगी जाएगी उसे ठीक से भरें। ऐसा करने पर आपका रिफंड फिर से जारी हो जाएगा। 

प्रश्न: मैं सरकारी सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हूं। वित्तवर्ष 2018-19 में मुझे मेडिकल बिलों के भुगतान के रुप में 9,724 रुपये मिला जिसे विभाग ने मेरी कुल आय में जोड़ दिया जबकि अपनी आय से मैंने पहले ही मेडिकल बिल का पैसा दुकानदार को दिया था। फिर किस नियम के तहत मेडिकल बिल का पैसा मेरी आय में जोड़ कर उस पर टैक्स काटा गया है। (ओम प्रकाश)
उत्तर: वित्त वर्ष 2018-19 से सरकार ने मेडिकल रिम्बर्समेंट व यातायात भत्ता पर छूट को समाप्त करते हुए आयकर की धारा 16 के तहत मानक कटौती 40 हजार रुपये का प्रावधान किया है। इसलिए आपको मेडिकल बिलों के भुगतान के रूप में प्राप्त 9,724 रुपये पर विभाग द्वारा कर का काटा जाना सही है।

प्रश्न: मैंने अपना मकान राज्यपाल, उत्तर प्रदेश को काशी विश्वनाथ मंदिर में विश्वनाथ धाम बनाने हेतु बेचा है। यह विक्रय भूमि अधिग्रहण कानून के तहत नहीं है। इसकी रजिस्टरी के केवल एक रुपये के स्टाम्प पेपर पर हुई है। क्या मुझे इस पर लंबी अवधि का पूंजीगत लाभ देना होगा? (उमेश कुमार अग्रवाल, वाराणसी)
उत्तर: जी हां। आपको विक्रय पर लंबी अवधि का पूंजीगत लाभ देना होगा। हालांकि, इस आयकर से आप कर विभाग के नियमानुसार बच सकते हैं जैसे उस पैसे से अन्य आवासीय मकान का निर्धारित समयावधि में खरीदना या निर्माण कराना अथवा निर्धारित बांड में निवेश करना शामिल है। ऐसा करने से आपको कर नहीं देना होगा। 

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