मोदी सरकार की सख्ती का दिखा असर, पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने घटाई HDFC में अपनी हिस्सेदारी
मोदी सरकार द्वारा चीन और अन्य पड़ोसी देशों से सीधे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर लगाई कई पाबंदी का असर अब दिखने लगा है। चीन के सरकारी बैंक पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने होम लोन कंपनी एचडीएफसी में...
मोदी सरकार द्वारा चीन और अन्य पड़ोसी देशों से सीधे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर लगाई कई पाबंदी का असर अब दिखने लगा है। चीन के सरकारी बैंक पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने होम लोन कंपनी एचडीएफसी में हिस्सेदारी कम कर दी है। अप्रैल से जून तिमाही के दौरान पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने शेयरों की बिकवाली की है। अब एचडीएफसी में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की हिस्सेदारी 30 जून को घटकर 70.17% रह गई, जो इससे पहले 31 मार्च की तिमाही में 70.88% थी।
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बीएसई को एचडीएफसी की ओर से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, पीपल्स बैंक ऑफ चाइना का नाम कंपनी के शीर्ष शेयरधारकों की सूची में नहीं था। यह सूची 30 जून तक के आधार पर तैयार की गई थी। हालांकि, 31 मार्च 2020 तक चीन के इस बैंक के पास एचडीएफसी के 1,72,92,909 शेयर या 1.01 फीसदी हिस्सेदारी थी।
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न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एचडीएफसी की ओर से शेयर बाजार के दोनों एक्सचेंजों को दी गई जानकारी में बताया गया है कि चीन के सेंट्रल बैंक ने अपनी कुछ हिस्सेदारी बेची है। जून के अंत तक चीनी सेंट्रल बैंक ने 1 फीसदी हिस्सेदारी कम कर दी है। चीनी बैंक ने ओपन मार्केट में अपने शेयर बेच दिए है। इस मामले में विशेज्ञों का कहना है कि पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने भारत में गुस्से का शिकार होने से बचने के लिए हिस्सेदारी बेची है।