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आईएलएफएस मामला: सरकार को डेलॉयट-बीएसआर पर मुकदमा चलाने की इजाजत

राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने आईएलएफएस समूह और उसकी 21 अनुषंगी कंपनियों में घोटाले का पता लगाने और सूचना देने में नाकाम रहने पर डेलॉयट और बीएसआर एसोसिएट्स पर मुकदमा चलाने की सरकार को...

एजेंसी मुंबईSat, 20 July 2019 03:44 AM
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राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने आईएलएफएस समूह और उसकी 21 अनुषंगी कंपनियों में घोटाले का पता लगाने और सूचना देने में नाकाम रहने पर डेलॉयट और बीएसआर एसोसिएट्स पर मुकदमा चलाने की सरकार को मंजूरी दे दी।  इस दौरान ये दोनों आईएलएफएस फाइनेंशियल सर्विसेज के ऑडिटर थे। एनसीएलटी ने गुरुवार को आदेश में कहा कि कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय, गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ)  के जांच निष्कर्षों के आधार पर मुकदमा चला सकता है।

हालांकि उसने दोनों ऑडिटरों को पांच साल के लिए प्रतिबंधित करने की सरकार की मांग पर कुछ नहीं कहा है। न्यायाधिकरण ने डेलॉयट के पार्टनर उदयन सेन और बीएसआर एसोसिएट्स के पार्टनर कल्पेश मेहता और संपत गणेश पर भी मामले में अभियोजन चलाने की सरकार की याचिका को भी मंजूर कर लिया। एनसीएलटी ने सी शिवशंकरन और उनके समूह के खिलाफ मुकदमा चलाने की भी अनुमति दी है।

जांच में पता चला था कि आईएफआईएन के प्रबंधन ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए शिवा समूह को ऋण दिया जबकि उसकी कुछ कंपनियां पहले के कर्जों को चुकाने में नाकाम रही थीं। न्यायाधिकरण ने कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को सुरिंदर सिंह कोहली और शुभलक्ष्मी पानसे को भी मामले में शामिल करने की अनुमति दी है। क्योंकि ये दोनों आईएफआईएन के स्वतंत्र निदेशक थे और ऑडिट कमेटी का हिस्सा थे। हालांकि, एनसीएलटी ने सरकार से कहा है कि वह उनपर मुकदमा न चलाएं , क्योंकि एसएफआईओ जांच में उनका नाम नहीं है। 

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