Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़if Lockdown extended beyond 3 weeks even then no shortage of LPG IOC say dont panic booking of cylinders

3 हफ्ते से आगे बढ़ा लॉकडाउन तो घरेलू एलपीजी सिलेंडर की डिलीवरी पर ये होगा असर

अगर देश में लॉकडाउन 3 हफ्ते से आगे बढ़ा भी तो एलपीजी सिलेंडर के लिए परेशान न हों। आपके घर तक रसोई गैस की डिलीवरी निर्बाध जारी रहेगी। दरअसल लॉकडाउन की घोषणा के बाद जहां पेट्रोल, डीजल की मांग में कमी...

Drigraj Madheshia पीटीआई, नई दिल्लीSun, 29 March 2020 12:08 PM
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अगर देश में लॉकडाउन 3 हफ्ते से आगे बढ़ा भी तो एलपीजी सिलेंडर के लिए परेशान न हों। आपके घर तक रसोई गैस की डिलीवरी निर्बाध जारी रहेगी। दरअसल लॉकडाउन की घोषणा के बाद जहां पेट्रोल, डीजल की मांग में कमी आई है वहीं एलपीजी सिलेंडर की रिफिल बुकिंग में 200 फीसद का इजाफा हुआ है। इंडियन ऑयल कारपोरेशन के चेयरमैन संजीव सिंह ने उपभोक्ताओं को आश्वस्त किया है कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से आगे बढ़ने के लिए स्टॉक में पर्याप्त पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस (एलपीजी) हैं।

उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के कारण आवाजाही पर देशव्यापी पाबंदी के चलते वहनों और विमानों आदि का परिचालन प्रभावित होने से डीजल पेट्रोल और विमान ईंधन की मांग घट गई है। मार्च में पेट्रोल की मांग 8% और डीजल की मांग 16% घट गई है। इसी तरह विमान ईंधन की मांग में भी 20% की गिरावट दर्ज की गई है।

सिंह ने कहा कि इस दौरान हालांकि रसोई गैस सिलेंडर की मांग में उछाल जरूर आया है लेकिन हम अपने सभी ग्राहकों की मांग पूरी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना बंदी की घोषणा के बाद रसोई गैस रिफिल सिलेंडर की मांग 200% से भी अधिक उछल गयी है। लोग संभवत भविष्य में किसी कमी की आशंका से खरीदारी या बुकिंग बढ़ा दी है। लेकिन सिंह ने ग्राहकों को आश्वस्त किया है कि गैस की कोई कमी नहीं होगी इसलिए उन्हें घबराहट में इसकी बुकिंग नहीं करनी चाहिए। 

उन्होंने कहा कि ग्राहक घबराहट में अनावश्यक रूप से गैस सिलेंडर की बुकिंग शुरू कर देते हैं तो व्यवस्था पर दबाव पड़ता है। बुकिंग बढ़ने पर गैस सिलेंडर भरने के कारखानों को सूचना तत्काल दे दी जाती है और वे सिलेंडर भरने का काम तेज कर देते हैं। वहां से सिलेंडर वितरकों को जाता है और वितरक अपने डिलिवरी कर्मचारियों के जरिए घर-घर सिलेंडर पहुंचाते हैं। यदि मांग बहुत ज्यादा बढ़ जाती है तो पहले से दबाव में काम करने वाले वितरकों ओर डिलिवरी कर्मियों पर भी बोझ बढ जाता है।

सिंह ने कहा कि हल्की मांग कम होने से तेल शोधन संयंत्रों ने डीजल और पेट्रोल का उत्पादन 25 से 30% घटा दिया है। तेलशोधक कारखानों में कच्चे तेल के प्रसंस्करण से एक अनुपात में पेट्रोल, डीजल, मिट्टी तेल और विमान ईंधन तथा एलपीजी का उत्पादन होता है। यदि कच्चे तेल की प्रोसेसिंग कम होती है तो इन सभी सभी ईंधनों के उत्पादन में उसी अनुपात में कमी आती है।

 

 

 

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