प्रवासी मजदूरों को नहीं दिया गया खाना तो हो सकता है दंगा: प्रणब सेन
पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद प्रणब सेन ने चेताया है कि यदि प्रवासी मजदूरों की भोजन संबंधी जरूरतों को पूरा नहीं किया गया तो खाने के लिए दंगा हो सकता है। एक इंटरव्यू में उन्होंने यह भी कहा है कि यदि कोरोना...
पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद प्रणब सेन ने चेताया है कि यदि प्रवासी मजदूरों की भोजन संबंधी जरूरतों को पूरा नहीं किया गया तो खाने के लिए दंगा हो सकता है। एक इंटरव्यू में उन्होंने यह भी कहा है कि यदि कोरोना वायरस ग्रामीण इलाकों में फैसल गया तो इसे रोक पाना असंभव हो जाएगा।
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने लिए देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया है। इस उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों के हजारों मरीज दिल्ली-मुंबई जैसे शहरों से अपने घरों की ओर निकल पड़े हैं।
सेन ने कहा, 'समस्या यह है कि यदि उन्हें (प्रवासी मजदूरों) खाना नहीं उपलब्ध कराया गया तो दंगे हो सकते हैं, जैसा इस देश में पहले भी हो चुका है। अकाल के समय खाने को लेकर दंगे होते थे। देश के गरीब तबके पर लॉकडाउन के असर को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में सेन ने कहा, 'खाने को लेकर फिर दंगे हो सकते हैं।'
सेन ने जोर देकर कहा, 'यदि सप्लाई सिस्टम निर्बाध नहीं रहा, जिन लोगों के पास कोई आमदनी नहीं है यदि उनकी जरूरतें पूरी नहीं की गईं तो खाने के लिए दंगा बहुत वास्तविक है।' शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शनिवार से सरकार 224 नाइट शेल्टर, 325 स्कूलों और दूसरे स्थानों पर करीब चार लाख लोगों को दिन और रात का खाना उपलब्ध कराएगी।
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