Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़HTLS 2020 Punit Renzen Global CEO of Deloitte said This will be India century

HTLS 2020: डिलॉयट के ग्लोबल सीईओ पुनित रेनजेन ने कहा- ये भारत की सदी होगी

हिन्दुस्तान लीडरशिप समिट में आज सातवें दिन डिलॉयट के ग्लोबल सीईओ पुनित रेनजेन ने कहा कि ये भारत की सदी होगी। कोविड-19 ने दुनिया को प्रभावित किया है लेकिन ग्लोबलाइजेशन जारी रहने वाला है। इससे भारत को...

Sheetal Tanwar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 10 Dec 2020 07:59 PM
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हिन्दुस्तान लीडरशिप समिट में आज सातवें दिन डिलॉयट के ग्लोबल सीईओ पुनित रेनजेन ने कहा कि ये भारत की सदी होगी। कोविड-19 ने दुनिया को प्रभावित किया है लेकिन ग्लोबलाइजेशन जारी रहने वाला है। इससे भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में मदद मिलेगी।

यह भारत की सदी
डिलॉयट के सीईओ पुनित रेनजेन ने कहा, ''भारत को लेकर दुनिया में बहुत से लोग मोहित हैं। इसके पास टैंलेंट, डेमोग्राफिक अडवांडेज और संस्कृति की जीवंतता है। बहुत से लोग भारत में मौजूद संभावनाओं को देख रहे हैं। यह भारत की सदी होगी।''

भारत के लिए अवसर
डिलॉयट के सीईओ ने कहा कि कोविड-19 ने दुनिया को प्रभावित किया है लेकिन ग्लोबलाइजेशन जारी रहने वाला है। हालांकि उन्होंने यह बी कहा कि नियम बदल जाएंगे। पुनित रेनजेन ने कहा, ''यह भारत के लिए एक अवसर है जो 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनने का लक्ष्य रखता है। 

अधिकतर अर्थव्यवस्थाएं रिकवर कर जाएंगी
डिलॉयट के सीईओ ने कहा- रिमोट वर्किंग बरकरार रहने वाला है। डिलॉयट के दुनियाभर में 800 दफ्तर हैं। क्या हमें इतने ऑफिस की जरूरत है? मैं ऐसा नहीं मानता है। कोविड-19 हमारे काम के तरीके में बदलाव लाया है। मैं मानता हूं कि अधिकतर अर्थव्यवस्थाएं रिकवर कर जाएंगी।

कोविड-19 में उम्मीद की किरण
डिलॉयट के ग्लोबल सीईओ पुनित रेनजेन ने कहा कि 2020 सबके लिए खराब रहा है, विशेषकर कारोबारी जगत के लिए। डिलॉयट पर भी इसका काफी असर पड़ा, लेकि बड़ा समूह होने की जह से हमें सरवाइव करने में मदद मिली। मुझे नहीं लगता कि हम फिर उसी तरह से जिएंगे जैसे जी रहे थे। इसलिए इसमें उम्मीद की किरण है और क्लाइमेट चेंज को लेकर जाग जाने का वक्त है।''

कोविड-19 में उम्मीद की किरण
डिलॉयट के ग्लोबल सीईओ पुनित रेनजेन ने कहा कि 2020 सबके लिए खराब रहा है, विशेषकर कारोबारी जगत के लिए। डिलॉयट पर भी इसका काफी असर पड़ा, लेकि बड़ा समूह होने की जह से हमें सरवाइव करने में मदद मिली। मुझे नहीं लगता कि हम फिर उसी तरह से जिएंगे जैसे जी रहे थे। इसलिए इसमें उम्मीद की किरण है और क्लाइमेट चेंज को लेकर जाग जाने का वक्त है।''

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