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हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव: कोयला आयात बंद होगा तो पेट्रोल-डीजल सस्ता

कोयले का आयात बढ़ने से देश का करंट अकाउंट डेफिसिट बढ़ गया है। रुपया कमजोर हुआ है। यदि कोयले का आयात बंद हो तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें काफी हद तक नीचे आ जाएंगी। उक्त बातें कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने...

हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव: कोयला आयात बंद होगा तो पेट्रोल-डीजल सस्ता
मुकेश सिंह धनबाद।Wed, 7 Nov 2018 07:06 AM
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कोयले का आयात बढ़ने से देश का करंट अकाउंट डेफिसिट बढ़ गया है। रुपया कमजोर हुआ है। यदि कोयले का आयात बंद हो तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें काफी हद तक नीचे आ जाएंगी। उक्त बातें कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने कोयला अधिकारियों से कही। कोल इंडिया स्थापना दिवस पर एक नवंबर को मंत्री कोलकाता आए थे। इस दौरान उन्होंने उक्त बातें कहीं। इसके बाद कोल इंडिया के वरिष्ठ अधिकारियों में चर्चा शुरू हुई। अधिकारी बोले कि मौजूदा स्थिति को लेकर मंत्री ने नाराजगी जताते हुए कोल इंडिया को टास्क दिया है कि 31 मार्च तक स्थिति को बदलें।

कोयला मंत्री ने मौजूदा स्थिति पर असंतोष जताते हुए कोल इंडिया प्रबंधन को तकनीकी अपग्रेडेशन पर जोर देने को कहा। धनबाद स्थित आईआईटी-आईएसएम से मदद लेने की बात कही। वहीं कोल इंडिया के पूर्व चेयरमैन पार्थसारथी भट्टाचार्य जैसे अनुभवी अधिकारियों की कमेटी बनाने की भी सलाह दी। मंत्री ने कोल इंडिया प्रबंधन से कहा कि बड़ी संख्या में नए अधिकारी मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में कोल इंडिया में आ रहे हैं। उनसे आइडिया लें और मौजूदा स्थिति से बाहर निकलें। सालाना 100बिलियन टन कोयला उत्पादन के प्रस्ताव पर फिर से विचार करने का निर्देश दिया।

डेढ़ लाख करोड़ का कोयला आयात

कोयला मंत्री ने कहा कि भारत सवा लाख करोड़ (लगभग 20 बिलियन डॉलर) रुपए का कोयला आयात कर रहा है। चालू वर्ष में स्थिति और खराब है। डेढ़ लाख करोड़ तक का कोयला आयात हो चुका है। देश में अकूत कोयला भंडार है। इसके बाद भी कोयले के आयात में इतनी विदेशी मुद्रा जाना सही नहीं है। इस स्थिति को कोल इंडिया रोके तो रुपया मजबूत हो जाएगा। इससे पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तुरंत कमी आ जाएगी। मालूम हो कि जब किसी देश का निर्यात कम हो जाता है और आयात ज्यादा हो जाता है तो इस स्थिति में करंट अकाउंट डेफिसिट की स्थिति बन जाती है। इससे देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव पड़ता है और कई बार जब डेफिसिट बहुत ज्यादा हो जाता है तो मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा की कमी भी हो जाती है। आमतौर पर विकासशील देशों के साथ यह स्थिति ज्यादा रहती है।

फैक्ट फाइल

- 2015-16 में 62.75 मिलियन टन कोकिंग कोल की कुल मांग, 44 मिलियन टन किया गया था आयात

- मौजूदा स्थिति में 2020-21 तक 75 मिलियन टन हो जाएगा कोकिंग कोल का आयात, स्टील सेक्टर आयातित कोयले पर निर्भर

- घरेलू कोकिंग कोल का उत्पादन लगभग 50 मिलियन टन लेकिन सिर्फ पांच मिलियन टन कोयला ही वाशरी तक पहुंचता है

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