आप सीरियस हैं तो US कोर्ट में आइए...अडानी ग्रुप को Hindenburg ने दिया चैलेंज
Hindenburg रिसर्च ने कहा- हमारी रिपोर्ट जारी होने के 36 घंटों में, अडानी समूह ने हमारे द्वारा उठाए गए एक भी महत्वपूर्ण मुद्दे पर प्रतिक्रिया नहीं दी है।

इस खबर को सुनें
अमेरिका के रिसर्च फर्म Hindenburg और अडानी समूह के बीच का विवाद बढ़ता जा रहा है। दरअसल, Hindenburg रिसर्च की एक रिपोर्ट में गौतम अडानी समूह पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए अडानी समूह ने कानूनी कार्रवाई पर विचार करने की बात कही है। अब अडानी समूह के ताजा बयान पर Hindenburg ने भी प्रतिक्रिया दी है।
क्या कहा Hindenburg रिसर्च ने: अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जारी बयान में Hindenburg ने कहा है- अगर अडानी समूह रिपोर्ट के खिलाफ अमेरिका की अदालत में मुकदमा दायर करता है तो रिसर्च फर्म दस्तावेजों की मांग करेगा। अगर अडानी समूह गंभीर है, तो उसे अमेरिका में भी मुकदमा दायर करना चाहिए, जहां हम काम करते हैं। कानूनी खोज प्रक्रिया में हमारे पास दस्तावेजों की एक लंबी सूची है। हम पूरी तरह से अपनी रिपोर्ट पर कायम हैं, हमारे खिलाफ कोई भी कार्रवाई बेकार होगी।
अडानी समूह ने नहीं दिया जवाब: Hindenburg रिसर्च ने कहा- हमारी रिपोर्ट जारी होने के 36 घंटों में, अडानी समूह ने हमारे द्वारा उठाए गए एक भी महत्वपूर्ण मुद्दे पर प्रतिक्रिया नहीं दी है। हमने 88 सीधे सवाल पूछे जो कंपनी को पारदर्शी होने का मौका देता है। अब तक, अडानी समूह ने इनमें से किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया है।
Hindenburg ने बयान में आगे कहा कि अडानी समूह ने टिप्पणी का जवाब देने की बजाए धमकियों का सहारा लिया है।
अडानी समूह ने क्या कहा था: इससे पहले गौतम अडानी समूह ने कहा कि वह अपनी प्रमुख कंपनी के शेयर बिक्री को नुकसान पहुंचाने के प्रयास के तहत 'बिना सोचे-विचारे' काम करने के लिये अमेरिकी फाइनेंशियल फर्म Hindenburg रिसर्च के खिलाफ 'दंडात्मक कार्रवाई' को लेकर कानूनी विकल्पों पर गौर कर रहा है।
आपको बता दें कि यह रिपोर्ट अडानी समूह की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये के एफपीओ के आवेदन के लिए खुलने से ठीक पहले आई है। इस रिपोर्ट के बाद समूह की सभी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई।